Move to Jagran APP

प्रवासी मजदूरों की कठिन व कांटों भरी डगर

सोनभद्र गुजरात में फंसे जिले के 151 प्रवासी श्रमिकों को भले ही सरकार ने विशेष ट्रेन से शुक्रवार को गृह जनपद भेज दिया लेकिन अभी भी तमाम राज्यों में प्रवासी श्रमिकों की राह आसान नहीं हुई है। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन-3 में भी देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की डगर कठिन व कांटों भरी है। जिले के दो हजार से ज्यादा श्रमिक अभी भी दूसरे राज्यों में फंसे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 06:07 AM (IST)
प्रवासी मजदूरों की कठिन व कांटों भरी डगर
प्रवासी मजदूरों की कठिन व कांटों भरी डगर

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : गुजरात में फंसे जिले के 151 प्रवासी श्रमिकों को भले ही सरकार ने विशेष ट्रेन से शुक्रवार को गृह जनपद भेज दिया लेकिन अभी भी तमाम राज्यों में प्रवासी श्रमिकों की राह आसान नहीं हुई है। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन-3 में भी देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की डगर कठिन व कांटों भरी है। जिले के दो हजार से ज्यादा श्रमिक अभी भी दूसरे राज्यों में फंसे हैं।

loksabha election banner

झारखंड राज्य के गढ़वा में परिवार के साथ रहकर पानी पुरी यानी फुल्की का व्यवसाय करने वाले जालौन (उरई) के 30 लोगों की डगर आसान नहीं हो सकी। गढ़वा से जालौन तक साढ़े पांच सौ किमी रास्ता तय करना हिमालय पर चढ़ने जैसा साबित हुआ। उरई निवासी नेकपाल, चंद्रपाल, राहुल वर्मा, रजनी, संगीता, पिकी, बिट्टी सहित 20 बड़े व 10 बच्चों की यह टोली शनिवार की सुबह गढ़वा से निकली थी। गढ़वा में एक अधिकारी से संपर्क किया। उन्होने तमाम तरह की दुश्वारियां गिनाते हुए उन्हें एक वाहन से जिले की झारखंड से लगने वाली सीमा विढमगंज भेज दिया। विढमगंज से इन सभी को एक बस से शनिवार को राब‌र्ट्सगंज भेजा गया। चंडी तिराहा पर डेरा जमाए इन प्रवासी श्रमिकों के सामने राब‌र्ट्सगंज से जालौन जाना काफी परेशानी की सबब बन गया। इन प्रवासी श्रमिकों ने जिला प्रशासन के कई अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन किसी ने उनकी सुधि नहीं ली। एक पुलिस अधिकारी उनसे मिले और यह राय देकर चले गए कि सोनभद्र डिपो पहुंचो, वहीं से भेजने का इंतजाम होगा। प्रवासी श्रमिकों की यह टोली राब‌र्ट्सगंज में भूखे प्यासे इधर-उधर इस उम्मीद से भटकर रहे थे कि कोई तो अधिकारी होगा जो जालौन की डगर आसान कर देगा। इसी बीच ये कहां गए किसी को पता नहीं चला। आशंका जतायी गई कि वे या दो पैदल ही या किसी साधन से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। मुम्बई से आए प्रवासी श्रमिकों की हो जांच

वैनी : मुंबई से वैनी में आए एक ही परिवार के दो सदस्यों को लेकर ग्रामीण चितित हैं। ग्रामीणों ने उनके स्वैब की जांच कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि दो दिन पूर्व में मुंबई से एक परिवार के दो सदस्य चोरी छिपे वैनी पहुंचे हैं। परिवार के सदस्य उनके आने पर पर्दा डाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि दोनों रिश्तेदारी में हैं जबकि सच्चाई यह है कि दोनों वैनी में ही घर पर रह रहे हैं। इसकी सूचना डीएम व सीएमओ के हेल्पलाइन नंबर पर भी दी गई। अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें लेने के लिए एंबुलेंस तैयार हुई लेकिन परिवार के सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य टीम को बरगला दिया गया कि वह घर पर नहीं है। जिससे एंबुलेंस नहीं आई और जांच नहीं हो सकी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.