बारिश व ओले से प्रभावित हुई हजारों हेक्टेयर फसल
सोनांचल के किसानों के लिए आफत बनकर रविवार को दिन में हुई बारिश और गिरे ओले से रवि फसलों को नुकसान की प्रबल आशंका है। खेती किसानी के किसान ओले की वजह से कितने फीसद तक फसलों के प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग अभी विशेषज्ञों से जरूरी जानकारी इकठ्ठा कर रहा है। जल्द ही सर्वे कराएगा और सर्वे के अनुसार ही आंकलन किया जाएगा कि वास्तव में नुकसान कितना हुआ।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल के किसानों के लिए आफत बनकर रविवार को दिनभर हुई बारिश और गिरे ओले से रबी फसलों को नुकसान की प्रबल आशंका है। किसान ओले की वजह से हजारों हेक्टेयर फसलों के प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग अभी विशेषज्ञों से जरूरी जानकारी ले रहा है। जल्द ही सर्वे कराएगा और सर्वे के अनुसार ही आकलन किया जाएगा कि वास्तव में नुकसान कितना हुआ।
रविवार की सुबह करीब नौ बजे अचानक मौसम ने करवट बदला और शुरू हो गई झमाझम बारिश। जिले के सभी क्षेत्रों में हवा के साथ बारिश हुई। इस बीच कई क्षेत्रों में ओले भी पड़े। कहीं मटर के दाने के बराबर तो कहीं उससे छोटे तो कहीं उससे थोड़े बड़े। ओले पड़ता देख किसान सिहर गए। हर कोई अपनी फसल की चिता करने लगा। अगले दिन यानि सोमवार को जब मौसम साफ हुआ, धूप खिली तो किसान थोड़ी राहत की सांस लिए। चना, सरसो, मसूर की खेती करने वाले किसान जब खेतों में पहुंचे तो वहां उनके माथे पर चिता की लकीर गहरी होने लगी। अब यह आशंका जताई जा रही है कि पूरी फसल तो बर्बाद नहीं हुई है लेकिन उत्पादन प्रभावित जरूर होगा। कृषि विभाग के जानकारों की मानें तो जिले में करीब एक लाख हेक्टेयर में खेती हुई है। इसमें तीन फीसद यानि करीब तीन हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित होने की आशंका है। किस तहर का पड़ेगा फसलों पर प्रभाव
जिस तरह से बारिश हुई और ओले पड़े इससे ज्यादा नुकसान तो नहीं है लेकिन जो फसलें पककर तैयार हैं उन्हें ज्यादा नुकसान की आशंका है। जिन फसलों पर पानी लग गया है वे अब खेत में काली पड़ जाएंगी। उनके दाने प्रभावित होंगे। ऐसे में उत्पादन पर असर पड़ सकता है। गेहूं की फसल भी कुछ प्रभावित हो सकती है। जिन किसानों ने मटर, चना की कटाई करा दी है और वह खलिहान में है वह भीगने से खराब हो सकती है। उसमें फंगस लग सकते हैं। हालांकि स्पष्ट तो तभी होगा जब उत्पादन के आंकड़े आएंगे क्राप कटिग के बाद ही। तेंदू पत्ता व महुए पर भी असर
महुली : रविवार को बिन मौसम के हुई बारिश व ओलावृष्टि के साथ तेज हवा से दुद्धी ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्र में गरीब तबके के लोगों की भी चिता बढ़ गई। आम के बौर, महुआ के फूल और तेंदू का पत्ता व अन्य वन उपज को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। क्षेत्र के कई गांवों में किसानों की साग सब्जी और रबी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग कराएगा सर्वे
बारिश और ओले से कितना नुकसान हुआ, फसलों में किस तरह से असर पड़ा है, इसके आकलन के लिए कृषि विभाग एक सर्वे कराएगा। उपकृषि निदेशक डीके गुप्ता ने कहा कि विशेषज्ञों से बात की जा रही है। अभी आकलन कराया जा रहा है कि क्या और किस तरह का नुकसान होगा। वैसे जहां ओले पड़े हैं या ज्यादा बारिश हुई वहां का सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है। अगर नुकसान हुआ होगा तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाने पर भी विचार होगा।