महिलाओं पर किस्त जमा करने का बना रहें दबाव
जागरण संवाददाता सोनभद्र समूह बनाकर रोजगार के लिए ऋण लेने वाली महिलाओं पर किस्त जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि लाकडाउन में उनका सारा कारोबर बंद रहा। अनलाक में तमाम कार्य बंद है और उनका कार्य अभी भी प्रभावित है बावजूद उनसे भारी भरकम ब्याज वसूला तो वसूला ही जा रहा किस्त जमा करने पर दबाव भी बनाया जा रहा है। उन्हें तरह-तरह की धमकी भी दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : समूह बनाकर रोजगार के लिए ऋण लेने वाली महिलाओं पर किस्त जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई है। महिलाओं का कहना है कि लाकडाउन में उनका सारा कारोबार बंद रहा। अनलॉक में तमाम कार्य बंद हैं और उनका कार्य अभी भी प्रभावित है, बावजूद उनसे भारी भरकम ब्याज वसूला तो वसूला ही जा रहा, किस्त जमा करने पर दबाव भी बनाया जा रहा है। उन्हें तरह-तरह की धमकी भी दी जा रही हैं।
बसौली गांव की सीमा देवी, रन्नू, पूजा, गुलाबी, प्रेमशीला, रेशम, सुकवारी, चंदा, राजमनी, सुनीता व चिता का कहना है कि रोजगार के लिए उन लोगों ने समूह बनाकर एक संस्था से जुड़ी और फिर बैंक के जरिये ऋण लेकर कार्य शुरू कीं। अनलॉक होने पर उम्मीद थी कि उनके रोजगार को बढ़ावा मिलेगा लेकिन इस उम्मीद पर भी पानी फिर गया। अनलॉक के दौरान उनका कारोबार मंदी से उबर नहीं सका है। सरकार ने भी गरीबों की समस्या को ध्यान में रखते हुए कई राहत भरे पैगाम भी दिए। कहा गया कि बैंक से ऋण लेने वालों पर रुपये जमा करने का दबाव न बनाया जाए बावजूद इसके जिस संस्था के जरिए बैंक से ऋण लिए है, उसके कर्मचारी महिलाओं पर ऋण जमा करने का दबाव बना रहे हैं। उनके भारी भरकम ब्याज भी वसूला जा रहा है।
समूह से जुड़ी महिलाओं ने की ब्याज माफी की मांग
समूह से जुड़ी महिलाओं ने ब्याज माफ करने व किस्त जमा करने के लिए दबाव न बनाए जाने की मांग की है। इधर, महिलाओं द्वारा दिए गए नंबर पर काल की गई तो एक महिला ने उठाया। महिला ने यह कहते हुए कि प्रबंधक से बात करें, फोन एक व्यक्ति को थमा दिया। उक्त व्यक्ति ने गोलमटोल जवाब दिया और नाम व पता बताने से इन्कार कर दिया। कुछ देर बाद 8840573978 नंबर से काल आई। उक्त व्यक्ति ने अपना नाम मनोज बताते हुए खुद को समूह से जुड़ी संस्था का पदाधिकारी बताया। मनोज ने लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। कहना था कि महिलाओं से ऋण जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाया जा रहा है। तमाम समूह की महिलाएं स्वत: ही बैंक पहुंचकर ऋण जमा कर रही हैं।