ढुटेर में भरा है नन्हें वैज्ञानिकों का खजाना
नौनिहालों में कठिन विषयों से भागने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। तमाम कोशिश के बावजूद इसमें सुधार नहीं दिखाई ेदेते लेकिन घोरावल विकास खंड के ढुटेर
जागरण संवाददाता, शाहगंज (सोनभद्र) : नौनिहालों में कठिन विषयों से भागने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। तमाम कोशिश के बावजूद इसमें सुधार नहीं दिखाई देते लेकिन, घोरावल विकास खंड के ढुटेर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक राजकुमार ने इस कथानक को बदलकर रख दिया है। ये नन्हें वैज्ञानिक तो अब करके सीखने की प्रक्रिया में ऐसे-ऐसे सामान बनाने लगे हैं जो सभी को एक बारगी आश्चर्य में डाल रहे हैं।
शिक्षक राजकुमार ने बताया कि अक्टूबर, 2016 में नियुक्ति के बाद से ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय ढुटेर के बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने की कोशिश की जाने लगी। यह काम कठिन था। इसके लिए बड़ी कोशिश करनी पड़ी। दरअसल, राष्ट्रीय आविष्कार योजना के तहत विकास खंड में दो विद्यालयों का चयन विज्ञान प्रयोगशाला के रूप में किया गया। इसके तहत ढुटेर में अक्टूबर, 2017 में विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना हुई। इसके अलावा पूर्व माध्यमिक विद्यालय विसुधरी का चयन किया गया।
बहरहाल, अब स्थिति यह है कि शिक्षक के थोड़े दिनों लेकिन, कठिन परिश्रम की बदौलत बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जगी। यहां के बच्चे बोतल रॉकेट, पेरिस्कोप, चुंबकीय पतंग, हाइड्रोलिक जैक, पवन चालित जेनरेटर समेत कई ऐसी चीजें हैं जिसे बातोंबातों में बना रहे हैं। विद्यालय के पूर्व छात्र सोमदेव ने सिरिज पंप तो संजय कुमार ने बैटरी मोटर बनाकर शोहरत हासिल कर रहे हैं। मेधावियों में आकाश यादव, धर्मराज, देवराज, सुमन, श्वेता, ज्योति, नजमा, सूरज, प्रियंका, सुधा आदि शामिल हैं। मै तो देख हैरान रह गया
-परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के इन प्रयोगों को देख मै तो हैरान रह गया। छात्रों के टैलेंट को देख अन्य विद्यालयों में भी प्रयोगशाला स्थापित कर संबंधित सामान मुहैया कराने पर विचार किया जा रहा है। -डा. गोरख नाथ पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी