मौसम का बदला मिजाज , किसानों की बढ़ी चिता
सोनांचल में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदला है। शनिवार की सुबह हुई बूंदाबांदी से एक बार फिर से किसानों के फसलों को खराब होने का डर सताने लगा है। अगर अब बारिश हुई तो इससे किसानों की बची-खूची दलहनी व तिलहनी फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी। कृषि मौसम विभाग ने भी 22 मार्च तक हवाओं के साथ हल्की बदली की संभावना जतायी है। जिले में सुबह के समय कुछ देर के लिए तेज धूप निकली रही।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। शनिवार की सुबह हुई बूंदाबादी से एक बार फिर से किसानों को फसलों को खराब होने का डर सताने लगा है। अब बारिश हुई तो इससे किसानों की बचीखुची दलहनी व तिलहनी फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी। कृषि मौसम विभाग ने भी 22 मार्च तक हवाओं के साथ हल्की बदली की संभावना जताई है।
जिले में सुबह के समय कुछ देर के लिए तेज धूप निकली रही। लेकिन साढ़े सात बजे के बाद अचानक मौसम बदल गया। आठ बजे के बाद आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू होते ही हल्की बूंदाबादी शुरू हो गई। करीब दस मिनट तक बूंदाबादी के बाद बारिश खुल गई। लेकिन पूरे दिन आसमान में धूप व बादलों की आवाजाही लगी रही। बारिश को देख किसानों को फिर से अपनी फसलों की खराब होने की चिता सताने लगी। जिले में अभी एक दो दिनों तक इसी तरह मौसम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर अब दोबारा बारिश हुई तो किसानों की फसल भी पूरी तरह खराब होने की संभावना है। क्योंकि अभी किसानों की दलहनी व तिलहनी फसलों की कटाई शुरू हुई है। सरसों, मसूर, मटर, अलसी आदि की फसल अभी या तो खेतों में है या फिर कटाई करने के बाद खलिहान में मड़ाई के लिए रखी गई है। बारिश होता देख किसान अपने फसलों को बचाने के लिए ढकने का काम शुरू कर दिया है।
कृषि विज्ञान केन्द्र तिसुही के वैज्ञानिक विनीत कुमार यादव ने बताया कि जिले में 22 मार्च को हल्की बदली की संभावना है। वहीं हवा की दिशा उत्तर-दक्षिणी रहेगी। हवा की गति 6 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 16 से 20 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 27 से 30 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। 2260 हेक्टेयर फसल हो चुकी है खराब
जिले में गत दिनों बिन मौसम बारिश व ओलावृष्टि से जिले में तीनों तहसील क्षेत्रों में कुल 69 गांव प्रभावित हुए हैं। यहां छह हजार से अधिक किसानों की 2660 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी। जिला प्रशासन की तरफ से इसका आकलन करके रिपोर्ट भी शासन को भेज दी गई है। शासन से मिली कुछ धनराशि का किसानों में वितरण भी करा दिया गया है। शेष बचे किसानों को मुआवजा देने के लिए शासन से बजट मांगा गया है। बारिश से आम के गिर जाएंगे बौर
जनपद में पिछले दिनों हुई बारिश से आम के बौर पर भी काफी असर पड़ा है। कई जगहों पर आम के बौर पूरी तरीके से गिर गए हैं कुछ बचे हैं तो एक बार फिर मौसम खराब होने से उनके गिरने की संभावना है। शनिवार को पूरे दिन आसमान में बादलों की आवाजाही होने से भी किसानों में चिता देखी जा रही है।