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भूसे की कमी से पशुपालकों की चिताएं बढ़ीं

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से मुख्य मार्गों पर प्रशासनिक कड़ाई के कारण पशुपालकों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 05:07 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 05:07 PM (IST)
भूसे की कमी से पशुपालकों की चिताएं बढ़ीं
भूसे की कमी से पशुपालकों की चिताएं बढ़ीं

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : कोरोना  संक्रमण से बचाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से मुख्य मार्गों पर प्रशासनिक कड़ाई के कारण पशुपालकों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। चोपन ब्लाक के ज्यादातर हिस्से में भूसे की कमी के कारण पशुपालकों की चिता बढ़ गई हैं। पिछले एक सप्ताह से भूसे की आमद कम होने के कारण दुग्ध उत्पादन को तगड़ा झटका लगने की संभावना पैदा हो गई है। ज्यादातर पशुपालकों के यहां भूसे का स्टाक खत्म हो चुका है। इसके कारण पशुओं के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है। ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुंडी के पशुपालक राम कृपाल यादव, सुरेश चौबे, ब्रिजेश यादव, चंद्रिका जायसवाल, महेश्वरी जायसवाल एवं प्रेम यादव आदि ने बताया कि अगर तत्काल भूसे की उपलब्धता नहीं हुयी तो पशुओं को भारी दिक्कतें होंगी। सबसे ज्यादा दिक्कत दुग्ध आपूर्ति को लेकर होगी। पशुपालकों ने बताया कि सभी की रोजी रोटी भी इसी से चलती है इसके कारण भी भूसे की कमी से दिक्कत हो रही है। उधर पुलिस क्षेत्राधिकारी ओबरा भास्कर वर्मा ने बताया कि फिलहाल उन्हें भूसे वाली गाड़ियों को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है।

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