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रामराज की सूचना को गंभीरता से लेती पुलिस तो न होती घटना

घोरावल के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार की कई वजह सामने आ रही है। अब जो नई बात सामने आई है उसमें यहीं पता चला है कि अगर उभ्भा गांव निवासी रामराज की सूचना को पुलिस गंभीरता से ली होती तो शायद इतना बड़ा नरसंहार न हुआ होता। क्योंकि घटना से एक दिन पहले ही पुलिस को फोन करके उसने स्थिति से अवगत कराया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 10:05 PM (IST)
रामराज की सूचना को गंभीरता से लेती पुलिस तो न होती घटना
रामराज की सूचना को गंभीरता से लेती पुलिस तो न होती घटना

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : घोरावल के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार की कई वजह सामने आ रही हैं। अब जो नई बात सामने आई है उसमें यही पता चला है कि अगर उभ्भा गांव निवासी रामराज की सूचना को पुलिस गंभीरता से ली होती तो शायद इतना बड़ा नरसंहार न हुआ होता। ..क्योंकि घटना से एक दिन पहले ही पुलिस को फोन करके उसने स्थिति से अवगत कराया था।

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घटना के चश्मदीद राजाराम ने मुख्यमंत्री को बताया कि 16 जुलाई को ही घोरावल थाने के एक सिपाही ने फोन करके भूमि विवाद के मामले में समझौता करने के लिए कहा। जब समझौता न करने अपना अधिकार लेने की बात कहा तो उक्त सिपाही ने बड़ी घटना भुगतने की धमकी दी। उसका फोन कटने के बाद राजाराम ने पुलिस अधीक्षक को भी फोन करके मामले से अवगत कराया। इस पर उन्होंने स्थानीय थाने को बताने के लिए कहा। जब स्थानीय थाने को फोन से बताया तो उनके द्वारा इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। घटना वाले दिन जब पुलिस को सूचना दी गई तो स्थानीय थाने की पुलिस काफी देर से पहुंची। ऐसे में इस पूरे मामले में की इस तथ्य को आधार मानकर भी जांच कराई जानी चाहिए। सीएम ने राजाराम को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पुलिस को निर्देश दिया है।


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