मोबाइल पर परिवार से बातकर गुजारी थी रात
कोरोना वायरस के खतरे ने पूरी दुनिया को थामकर रख दिया है। यूपी में भी इस वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कई जगह जागरुकता की कमी भी सामने आई जिस वजह से कोई संदिग्ध मरीज बना तो कुछ ने जागरुक बनकर अपनी जांच करायी गई। जिले में संदिग्ध मरीज रहे दो लोगों ने आइसोलशन वार्ड में बिताए समय को साझा किया। कहा कि ज्यादातर समय मोबइल पर बात करके व देश-दुनिया की खबरों को जानकर गुजारा। संक्रमण से बचाव के लिए जागरुक बनने की नसीहत भी आइसोलशन में ही मिली।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना वायरस के खतरे ने पूरी दुनिया को दहशत में कर दिया है। यूपी में भी इस वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कई जगह जागरूकता की कमी भी सामने आई जिस वजह से कोई संदिग्ध बना तो कुछ ने जागरूक बनकर अपनी जांच कराई गई। जिले में संदिग्ध रहे दो लोगों ने आइसोलशन वार्ड में बिताए समय को साझा किया। कहा कि ज्यादातर समय मोबाइल पर बात करके व देश-दुनिया की खबरों को जानकर गुजारा। संक्रमण से बचाव के लिए जागरुक बनने की नसीहत भी आइसोलेशन में ही मिली।
नेपाल से वापस लौटे ओबरा क्षेत्र के एक युवक को खांसी आ रही थी तो उसने राज्य हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपनी जांच के लिए कहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे आइसोलेट किया और जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एक रात के लिए रखा। यहां जांच पड़ताल के बाद उसे छोड़ दिया गया। बताया कि वहां सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं। साथ में पत्नी भी थीं इस लिए परिवार की चिता बहुत अधिक नहीं हुई। हां थोड़ी चिता थी इस लिए बार-बार लोगों के फोन आ रहे थे। इसलिए सबसे बातचीत करते हुए काफी समय गुजारा। बाद में छुट्टी मिली तो सीख मिली कि जागरूकता ही बचाव है। इसी तरह रेणुसागर क्षेत्र के भी एक संदिग्ध पीड़ित को आइसोलेट किया गया था। उसने बताया कि परिवार के अन्य लोग भी हमारे संपर्क में थे, इस लिए स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें भी आइसोलेट किया। अगले दिन छुट्टी मिल गई। आधी रात तो परिवार से बातचीत करते ही गुजर गई थी।