भगवान श्रीराम का जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित
घोरावल (सोनभद्र) शिवद्वार में आयोजित शिवशक्ति महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान व्यास पीठ से पधारे कथावाचक कृष्णानंद महाराज ने रामचरितमानस एवं श्रीमछ्वागवतकथा की उपादेयता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कथावाचक ने भगवान राम के जीवन पर आधारित मानस जीवन का सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक है जो जीवन को सार्थक बनाता है। वहीं श्रीमछ्वागवतकथा मृत्यु को सार्थक बनाता है। रामचरितमानस के मूल्यों व आ
जागरण संवाददाता, घोरावल (सोनभद्र) : शिवद्वार में आयोजित शिवशक्ति महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान व्यास पीठ से पधारे कथावाचक कृष्णानंद महाराज ने रामचरितमानस एवं श्रीमद्भागवत कथा की उपादेयता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कथावाचक ने भगवान राम के जीवन पर आधारित मानस जीवन का सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक है, जो जीवन को सार्थक बनाता है। वहीं श्रीमद्भागवत कथा मृत्यु को सार्थक बनाता है। रामचरितमानस के मूल्यों व आदर्शों के अनुपालन से मनुष्य सहजतापूर्वक परमपिता परमेश्वर की कृपा प्राप्त करता है। वर्तमान भौतिकवादी युग में रामचरितमानस की प्रेरणा समाज की दशा व दिशा में सकारात्मक परिवर्तन कर सकती है। भगवान राम व लक्ष्मण के विश्वामित्र के साथ वन गमन, राक्षसों के नरसंहार, माता जानकी व राम के विवाह का प्रसंग सुनाया। कहा कि भगवान श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित था। उन्होंने अपने जीवन में आए अनगिनत कष्टों की कोई परवाह नहीं किया। प्रख्यात कर्मकांडी विद्वान पंडित शिवनाथ तिवारी के आचार्यत्व में काशी के आचार्यों द्वारा यज्ञ कुंड में आहुतियां डाली गईं। इस मौके पर डा. कामता प्रसाद शुक्ला, रामनिवास शुक्ला, डा. अनिल शुक्ला, लवकुश ऊमर, अजय गिरि, सुरेश गिरि, पीयूष शुक्ला, धीरेंद्र मिश्रा, ब्रह्मानंद, मुन्नू सिंह, राजू सिंह आदि लोग रहे।