माता-पिता बनकर बेटियों का जीवन किया उजियार
सूबे के सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाले जनपद सोनभद्र में मध्य प्रदेश की सीमा से महज 22 किमी पहले शिवद्वार की रहने वाली ईशान कुमारी अपने तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर की है। उसे पढ़ने का बड़ा शौक था लेकिन घर की माली हालत ठीक नहीं थी। जब दसवीं में पढ़ रही थी तभी पिता भी छोड़कर चले गए।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : बेटियों को सशक्त करने और उनके गुणों को निखारने की जिम्मेदारी लिए डा. सुधीर कुमार मिश्र को वियतनाम में सम्मानित किया जाएगा। श्री मिश्र और पत्नी मनोरमा मिश्रा ने जनपद की गरीब बेटियों को अपनी बेटी समतुल्य समझा। उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराई जो मां-बाप अपनी बेटी को कराते हैं। मात्र तीन साल में 40 से अधिक बेटियां किसी न किसी रूप में अपने को समाज में समानता का अहसास करने लगी हैं। शिक्षण से स्वावलंबी बनाने तक की कोशिश में मिश्र दंपती एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। जनपद के शिवद्वार निवासी ईशान कुमारी अपने तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर की हैं। दसवीं में पढ़ते समय पिता की छाया सिर से उठ गई। अकेली मां के सामने समस्या खड़ी हुई। ईशान को अपनी पढ़ाई की चिता हुई। लेकिन, सहेली अंजना ने प्रधानाचार्य मनोरमा मिश्रा से ईशान के बारे में बताया। उन्होंने ईशान को बेटी का दर्जा दे पढ़ाना शुरू किया। ईशान की तरह ही रिकी, सोनी, रविता मौर्या, रविता भारती जैसी करीब 40 लड़कियों को मां-बाप का अहसास कराया श्री प्रमोद जी महिला महाविद्यालय टेटी माइनर की प्रधानाचार्य मनोरमा मिश्रा और प्रबंधक डा. सुधीर कुमार मिश्र ने।
आजमगढ़ के पेकौली की मूल निवासी यह दंपती बेटियों को निश्शुल्क शिक्षा, संस्कार के साथ ही स्वावलंबन का भी रास्ता दिखाता है। जिनके मां-बाप नहीं हैं उनके माता-पिता की पूरी जिम्मेदारी भी उठाते हैं। शायद यहीं वजह है कि इनके स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों स्कूल का समय बीतने के बाद भी इनसे गहरा रिश्ता रखती हैं। स्कूल में पढ़ने वाली हर बेटी को यूनीफार्म और बैग निश्शुल्क देते हैं और कक्षा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय आने वाली छात्राओं को अपनी तरफ से साइकिल पुरस्कार स्वरूप देते हैं।
12 को दिल्ली, 9 नवंबर को वियतनाम में सम्मान
प्रबंधक डा. सुधीर कुमार मिश्रा को इंटरनेशनल आईकॉनिक अचीवर्स काउंसिल की तरफ से समाज सेवा व महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की वर्षगांठ पर 12 अक्टूबर को दिल्ली में और 9 नवंबर को वियतनाम देश में सम्मान पत्र व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा।