लॉकडाउन से बिजली की मांग में भारी कमी
लाकडाउन के चलते बिजली की मांग में भारी कमी होने से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका लगा है। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर निजी घरानों को एलसी से किये जा रहे भुगतान को स्थगित (डेफर) करने के साथ सब्सिडी देने की मांग की है।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : लॉकडाउन में बिजली की मांग में भारी कमी होने से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका लगा है। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर निजी घरानों को एलसी से किये जा रहे भुगतान को स्थगित (डेफर) करने के साथ सब्सिडी देने की मांग की है। प्रदेश में प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हो रही हैं।
चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने पत्र में कहा है कि लॉकडाउन के चलते चुनौतियों का सामना करने के लिए पावर सेक्टर की बड़ी भूमिका है। बिजली वितरण कंपनियों को बिजली खरीदने के लिए कम से कम अगले तीन माह तक एलसी खोलने से छूट देनी चाहिए। कहा है कि रेलवे, उद्योग और व्यावसायिक संस्थान समेत बाजार बंद होने से राजस्व को जबरदस्त झटका लगा है। आम उपभोक्ता भी बिजली बिल अदा करने की स्थिति में नहीं है। उत्पादन और वितरण कंपनियों को अपनी दिन प्रतिदिन की देनदारियों का भुगतान करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के पहले देश में बिजली की मांग 1,54,045 मेगावाट थी जो अब घटकर 1,21,937 मेगावाट रह गई है। उत्तरी ग्रिड में बिजली की मांग 41253 मेगावाट से घटकर 30563 मेगावाट रह गई है। उत्तर प्रदेश में औसत मांग 14000 मेगावाट से घटकर दस हजार मेगावाट हो गई है। बिजली खपत घटने से उप्र में ही 30 करोड़ रुपये प्रतिदिन से अधिक का नुकसान हो रहा है। यह 21 दिन में 650 करोड़ रुपये से अधिक का हो जाएगा।