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गोल्डेन कार्ड बनाने में जिले का रिकार्ड फिसड्डी

सूबे के सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाले जनपद में जागरूकता का अभाव कहें या फिर विभागीय सुस्ती की वजह। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना की प्रगति सोनांचल में फिसड्डी ही है। यहां एक साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद दस फीसद लाभार्थियों का भी गोल्डेन कार्ड नहीं बना है। ऐसे में पात्र रहते हुए भी पैसे देकर इलाज कराना लोगों की विवशता है। यहां अभी तक महज 2510 लोगों ने 2.96 करोड़ रुपये का इलाज कराया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:10 AM (IST)
गोल्डेन कार्ड बनाने में जिले का रिकार्ड फिसड्डी
गोल्डेन कार्ड बनाने में जिले का रिकार्ड फिसड्डी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सूबे के सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाले जनपद में जागरूकता का अभाव कहें या फिर विभागीय सुस्ती की वजह। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना की प्रगति सोनांचल में फिसड्डी ही है। यहां एक साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद दस फीसद लाभार्थियों का भी गोल्डेन कार्ड नहीं बना है। ऐसे में पात्र रहते हुए भी पैसे देकर इलाज कराना लोगों की विवशता है। यहां अभी तक महज 2510 लोगों ने 2.96 करोड़ रुपये का इलाज कराया है।

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पैसे के अभाव में गरीब लोग इलाज से वंचित न रहने पाएं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अप्रैल 2018 को आयुष्मान भारत या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत गरीब परिवार के लोगों को चिह्नित कर उन्हें इस योजना में शामिल किया गया। जो लोग पात्र थे उनके यहां गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए पत्र आया। जिनके यहां नहीं भी आया उनका कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी जिलों में स्वास्थ्य महकमे को दी गई। महज 9.65 फीसद लोगों का ही गोल्डेन कार्ड बना है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस योजना में जिले के एक लाख 72 हजार 583 परिवारों को जोड़ा गया है। जो लोग छूटे थे उनके लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की। इस तरह से जिले में कुल एक लाख 82 हजार 25 परिवारों में रहने वाले नौ लाख नौ हजार 175 लोग जोड़े गए। इसमें से महज 87657 लोगों का ही गोल्डेन कार्ड बना है। यानी अभी तक इतने ही लोग निश्शुल्क इलाज करा सकते हैं। छूटे परिवारों का सीएम जन आरोग्य में चयन

जो पात्र लोग प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल नहीं हो सके उन्हें मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना में शामिल किया गया। इसके लिए जिले में एक सर्वे कराया गया था। सर्वे के आधार पर पहले 9405 परिवारों का नाम जोड़ा गया। इसके बाद 37 परिवार और उभ्भा के जोड़े गए। इस तरह से 9442 परिवारों को इसके तहत लाभ मिलेगा। ऐसे मिलता है लाभ

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ पाने के लिए गोल्डेन कार्ड जरूरी है। डिस्ट्रिक्ट ग्रीवांस मैनेजर रजत मिश्रा बताते हैं कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जो पात्र हैं उनका गोल्डेन कार्ड जरूरी है। जिसका गोल्डेन कार्ड नहीं है उसका चिन्हित अस्पतालों में भी बनता है। इससे पांच लाख रुपये तक के इलाज का पैसा नहीं लगता। खास बात तो यह है कि दूसरे शहरों में भी आयुष्मान भारत के तहत चयनित अस्पतालों में इलाज कराया जा सकता है। सोनभद्र जिले में कुल 23 अस्पताल चयनित हैं। इसमें आठ सरकारी और 15 प्राइवेट हैं। स्वास्थ्य विभाग चला रहा है अभियान

गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान चला रहा है। इसके तहत गांव-गांव में आशा और एएनएम के माध्यम से पात्रों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि वे अपने नजदीकी चयनित अस्पताल में पहुंचकर कार्ड बनवा सकें। यह कार्ड अस्पतालों में निश्शुल्क बनाया जाता है। इसके अलावा हर क्षेत्र में खुले कॉमन सर्विस सेंटर पर महज कुछ शुल्क देकर बनवाया जा सकता है। रजत मिश्रा बताते हैं कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी अपने साथ प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की ओर से आए पत्र, आयोग्य कार्ड, राशनकार्ड, आधारकार्ड आदि जरूर रखें।

गत दिनों हमने गोल्डेन कार्ड बनाने की समीक्षा की थी। पता चला कि इसकी प्रगति सुस्त है। ऐसे में कारण जानने की कोशिश की तो पता चला कि जागरुकता का अभाव सबसे बड़ा कारण है। संबंधित लोगों को ज्यादा से ज्यादा कार्ड बनवाने के लिए कहा गया है। आशा, एएनएम को भी जरूरी निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही इसके परिणाम नजर आएंगे।

- डा. शशिकांत उपाध्याय, सीएमओ-सोनभद्र।

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आंकड़ों की गणित

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- 182025 परिवार जुड़े हैं इस योजना से।

- 909175 सदस्यों को लाभ मिलेगा ।

- 9442 परिवार सीएम जन आरोग्य से जुड़े।

- 500000 रुपये तक का निश्शुल्क मिलता है इलाज।

- 87657 सदस्यों का बना है अभी तक गोल्डेन कार्ड

- 23 अस्पताल चिह्नित किए गए हैं सोनभद्र में।

- 2510 मरीजों ने कराया है अभी तक इलाज।

- 2,96,43,172 रुपये का हुआ है इलाज।

- 30 रुपये देकर कॉमन सर्विस सेंटर पर बनेगा कार्ड।


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