हर्बल रंगों से होली का अपनों पर चढ़ेगा प्यार का रंग
होली पर रंगों का अपना खास महत्व होता है लेकिन रंगों के इस बाजार में मिलावट का कारोबार चेहरे की रंगत भी छीन सकता है। ऐसे नें सिल्वर कलर और स्प्रे कलर से दूरी बनाकर ही होली खेलें। पानी की तरह दिखने वाला और हरा रंग भी काफी खतरनाक होता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. सुजीत कुमार का कहना है कि सिल्वर पेंट को बनाने के लिए ब्रोमाइड और सिल्वर कलर का प्रयोग किया जाता है। कुछ क्रीम भी मिलाई जाती है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : होली पर रंगों का अपना खास महत्व होता है, लेकिन रंगों के इस बाजार में मिलावट का कारोबार चेहरे की रंगत भी छीन सकता है। ऐसे में सिल्वर और स्प्रे कलर से दूरी बनाकर ही होली खेलें। पानी की तरह दिखने वाला और हरा रंग भी काफी खतरनाक होता है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. सुजीत कुमार का कहना है कि सिल्वर पेंट को बनाने के लिए ब्रोमाइड और सिल्वर कलर का प्रयोग किया जाता है। कुछ क्रीम भी मिलाई जाती है। रासायनिक तत्वों के प्रयोग से तैयार यह पेंट चेहरे को नुकसान पहुंचा सकता है। चेहरे की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है। इसके प्रभाव की वजह से चेहरे पर दाने पड़ जाते हैं। खाल उधड़ने लगती है और चेहरा लाल हो जाता है। यदि किसी कारण रंग लग भी जाय तो इसे रगड़कर न छुड़ाएं। चिकित्सक का कहना है कि स्प्रे वाले रंग आंखों में चले जाते हैं। इन रंगों में भी रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं। इनकी वजह से आंखों में जलन की समस्या होती है। कई बार स्थितियां गंभीर भी हो जाती हैं। खासकर बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। होली खेलते समय रंग मुख के द्वारा पेट में चले जाते हैं। इनकी वजह से उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होती है। बेहतर है कि होली के पर्व पर इनसे बचाव करते हुए अबीर और गुलाल से ही खुशियां बांटें। हर्बल रंग से होली खेलें तो अपनों पर प्यार का रंग चढ़ेगा। रंग खेलने में क्या बरतें सावधानी..
-ऐसे रंगों का इस्तेमाल करें जो प्राकृतिक हो, केमिकलयुक्त रंगों से बचें।
- संभव हो तो प्राकृतिक रंग स्वयं तैयार करें। यह बाजार में भी उपलब्ध हैं।
- रंग छुड़ाने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें, कपड़े से रंगड़कर नहीं बल्कि हल्के हाथों से पोछें।
- अगर रंग से एलर्जी है तो रंग न लगाएं।
- रंग लगने पर अगर जलन हो तो इसे नजरअंदाज न करें, तत्काल धो लें।