शारीरिक दूरी को कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती
शारीरिक दूरी बनवाना सबसे बड़ी चुनौती
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना मानवीय त्रासदी लेकर आया है। एक ऐसी त्रासदी जो पूरे विश्व को प्रभावित कर रही है। गरीब व कामगार आबादी के लिए तो बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय आ गया है। कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 21 दिन का लॉकडाउन है। कोरोना वायरस की बढ़ती स्पीड को देखते हुए देश की रफ्तार को रोक दिया गया है लेकिन डॉक्टर, पुलिसकर्मी से लेकर सफाई कर्मी तक लोगों की जान बचाने के लिए खुद को जोखिम में डाल रहे और सामने आकर लोगों की मदद कर रहे हैं। ये सब कोरोना के जंग के हीरो हैं।
कोरोना वायरस को परास्त करने के जंग में कर्मयोद्धा के रूप में महिला थानाध्यक्ष संतू सरोज ने कमरकस ली है। 24 घंटे में आठ घंटे सार्वजनिक स्थानों पर ड्यूटी देने के दौरान उन्हें सबसे बड़ी चुनौती लोगों को शारीरिक दूरी बनवाना है। इसके प्रति वे लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है। हालांकि नजाकत को समझाते हुए कहीं सख्ती तो कहीं नरमी से शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनकर बाहर निकलने व साफ-सफाई रखने के प्रति जागरूक कर रही हैं। इस कर्मयोद्धा के लिए सबसे बड़ी चुनौती ड्यूटी कर घर जाने पर खड़ी होती है। जब से लॉकडाउन चल रहा, वे अपना कमरा ही अलग कर लीं हैं। घर की चौखट के अंदर दाखिल होने से पहले वे अच्छी तरह से हाथ, मुंह आदि धुलती हैं। इसके बाद वे पूरे कपड़े की धुलाई कर उसे धूप में सुखाती हैं। घर में मौजूद बच्चों के संपर्क में आने से बचती हैं।