वन भूमि कब्जा को लेकर ग्रामीणों में तनाव
जासं गोविदपुर (सोनभद्र) म्योरपुर वन रेंज में वन भूमि से लगे 10 से अधिक गांव में भूमि कब्जा करने को लेकर ग्रामीणों में तनाव बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग जिलाधिकारी से की है ताकि इसको लेकर तैयार हो रही संघर्ष के वारदातों को रोका जा सके।
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जागरण संवाददाता, गोविदपुर (सोनभद्र) : म्योरपुर वन रेंज में वन भूमि से लगे 10 से अधिक गांवों में वन भूमि कब्जा करने को लेकर ग्रामीणों में तनाव बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग जिलाधिकारी से की है, ताकि इसको लेकर तैयार हो रही संघर्ष की वारदातों को रोका जा सके।
म्योरपुर वन भूमि से लगे गढि़या, बराईडाड, कमरीडाड़, हरहोरी, करकोरी, परनी, औरहवा, डडीहरा, किरवानी व खैराही सहित अन्य कई गांवों में वर्षा होते ही वन भूमि पर अधिक से अधिक कब्जा करने की होड़ ग्रामीणों में मच जाती है। ऐसे दौर में अमन चैन पसंद लोगों की भी परेशानी आम हो जाती है। वन भूमि कब्जा करने को लेकर मारपीट की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। इस समय अतिक्रमण की घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई है। वन भूमि के लिए पूर्व में कई खूनी संघर्ष भी हो चुके हैं। बावजूद इसके वन विभाग व पुलिस विभाग इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। नहीं होने दिया जाएगा वन भूमि पर कब्जा-रेंजर
म्योरपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह का कहना है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। वहीं क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेश सोनकर का कहना है कि किसी दशा में वन भूमि पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। कब्जा करने वालों पर तत्काल वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इन दावों के बावजूद सैकड़ों बीघा वन भूमि जोत डाली गई है। इसका प्रमाण वन भूमि को एक दूसरे के द्वारा जोतने के आरोपों के प्रार्थना पत्र हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता विजय, ग्राम प्रधान रामदयाल प्रजापति, दिनेश जायसवाल ने वन भूमि पर कब्जे को लेकर होने वाले संघर्ष को समाप्त कराएं जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।