परमिट की कालाबाजरी व ओवरलोड के खेल में सिस्टम फेल
जागरण संवाददाता चोपन (सोनभद्र) जिले में परमिट की कालाबाजारी एक बार फिर जोर पकड़ने ।
जागरण संवाददाता, चोपन (सोनभद्र) : जिले में परमिट की कालाबाजारी एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। हाल यह है कि वर्तमान समय में 400 रुपये प्रति घनमीटर परमिट खुले बाजार में बेचा जा रहा है। इसके अलावा ओवरलोड का संचालन भी बदस्तूर जारी है। हाल यह है कि परिवहन विभाग की सुस्ती के कारण खनिज विभाग के बैरियर पर ओवरलोड वाहनों की जांच होनी शुरू हो गई है। इससे आए दिन विवाद हो रहा है। इतना कुछ होने के बाद भी विभागीय अधिकारी पूरी तरह से मौन धारण किए हुए हैं।
जैसे-जैसे दवा दी गई मर्ज बढ़ता गया, यह कहावत परिवहन विभाग पर सटीक बैठ रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री ओवरलोड वाहनों पर सख्ती बरतने का निर्देश दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जिले में ओवरलोड वाहनों का संचालन बदस्तूर जारी है। इसके अलावा खनिज विभाग के चुप्पी के कारण परमिट के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
स्थानीय व्यवसायियों ने बताया कि जब खनन बंद था तब गिट्टी व बालू के लिए हाहाकार मचा हुआ था, अब जब पूरी तरह से खनन चालू हो गया है तो परमिट के लिए क्षेत्र में हायतौबा मचा हुआ है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ व्यवसायियों ने बताया कि ओबरा स्थित शारदा मंदिर के पीछे लीज समाप्ति के कुछ दिन एक खदान में हादसा हुआ था, वही लोग जिले में परमिट के खेल को खनिज विभाग की मिलीभगत से संचालित कर रहे हैं। वाहन चालक संतोष, विनोद, दलजीत ने बताया कि शुरुआती दौर में 200 रुपये प्रति घनमीटर के करीब परमिट मिलता था, जो वर्तमान समय में 400 रुपये के पार चला गया है। इस बाबत जब भी संबंधित अधिकारियों से वार्ता की जाती है तो स्पष्ट जवाब नहीं मिलता है। ओवरलोड के संदर्भ में जब एआरटीओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। खनन क्षेत्र में जो पुराने पट्टे हैं उनका दर 160 रुपये प्रति घन मीटर का सरकारी दर है, लेकिन कुछ पट्टे जो नीलामी के हैं वो मंहगे हैं। इसके अलावा जिले में बड़े पैमाने पर पत्थर खदान चालू होने से मध्यप्रदेश से खनन परिवहन बंद हो गया है। इसके कारण परमिट के दाम में उछाल आया है। बावजूद इसके अगर ऐसी शिकायत है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
-महबूब खां, खान अधिकारी।