आवास व भूमि पट्टा के लिए लाभार्थियों की तलाश शुरू
जागरण संवाददाता सोनभद्र घोरावल के ग्राम पंचायत मूर्तियां के उभ्भा गांव में 10 लोगों की हत्या के बाद बने खौफ को कम करने के लिए आदिवासियों के बीच इमदादों की बौछार जारी है। मुआवजा दिए जाने के बाद घटना के नौवें दिन विकास भवन व लेखपालों की पहुंची टीम ने आवास व पट्टा पर भूमि देने के लिए लाभार्थियों की तलाश शुरू कर दिया। वन विभाग की टीम वन क्षेत्रों का जायजा लेकर यह पता लगाने में जुटी रही कि कहीं उनकी भूमि पर तो अतिक्रमण नहीं है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : घोरावल ब्लाक के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उभ्भा गांव में दस लोगों की हत्या के बाद पैदा हुए खौफ व गम को कम करने के लिए आदिवासियों के बीच इमदादों की बौछार जारी है। मुआवजा दिए जाने के बाद घटना के नौवें दिन विकास भवन व राजस्व विभाग के लेखपालों की पहुंची टीम ने आवास व पट्टा पर भूमि देने के लिए लाभार्थियों की तलाश शुरू कर दी है। वन विभाग की टीम ने वन क्षेत्रों का जायजा लेकर यह पता लगाने में जुटी रही कि कहीं उनकी भूमि पर तो अतिक्रमण नहीं है।
उभ्भा गांव में दस लोगों की हत्या के नौवें दिन विकास, राजस्व व वन विभाग की टीम अलग-अलग समय पर गांव में पहुंची। पांच लेखपालों की टीम दोपहर बाद दो बजे गांव में पहुंचकर भूमिहीनों की तलाश में जुट गई। शासन से निर्देश दिया गया है कि ग्राम पंचायत मूर्तिया में जो भी भूमिहीन हैं उन्हें पट्टे पर जमीन दिया जाएगा। इसी के तहत पूरे ग्राम पंचायत में भूमिहीनों की तलाश शुरू की दी गई है। इस टीम के पहुंचने से पहले वन व विकास विभाग की टीम भी पहुंची हुई थी। विकास भवन से पहुंची चार सदस्यीय टीमों उभ्भा के ग्रामीणों को आवास मुहैया कराया जाएगा। टीम के सदस्यों ने एक-एक घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति की जानकारी ली ताकि पात्र व्यक्तियों का चयन आवास योजना के लिए किया जा सके। वन विभाग के वन दारोगा आरपी सिंह व फारेस्ट गार्ड नीटू सिंह ने भी उभ्भा में वन भूमि का जायजा लिया। बताया कि उभ्भा में जिस जमीन को लेकर खूनी खेल खेल गया, उसी जमीन से लगे वन विभाग की जमीन है। वन भूमि पर अतिक्रमण तो नहीं, यह पता लगाने के बाद वे वापस लौट गए। अपनों से मिलकर नम हुई आंखें, बांटा दुख
बुधवार की देरशाम जिला अस्पताल में भर्ती 14 घायल एंबुलेंस से उभ्भा गांव पहुंचे तो एक बार फिर माहौल गमगीन हो गया। घटना के आठवें दिन अपनों को देख घायलों की आंखें नम हो गईं। उनके पहुंचते ही घटना की याद भी ताजा हो गई। परिवार के सदस्यों ने घायलों के साथ दुख को बांटा। घायल रामलाल व रामजी भी एंबुलेंस से घर पहुंचे। उनके पहुंचने की भनक लगते ही परिवार के सदस्य एंबुलेंस से घायलों को उतारने के लिए सड़क की तरफ दौड़ पड़े। जैसे ही परिवार के सदस्यों का सामना घायलों से हुआ उनकी आंखें छलक पड़ी। घायलों को गोद में उठा कर घर तक ले जाया गया। परिवार के अन्य सदस्य उनकी सेवा में लगे रहे।