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    छत्तीसगढ़ में माओवादियों पर हो रही कार्यवाही से सोनभद्र में पुलिस महकमा चौकन्ना

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 06:02 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों पर कार्रवाई के चलते सोनभद्र पुलिस अलर्ट पर है। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने ...और पढ़ें

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    खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

    जागरण संवाददाता, बभनी (सोनभद्र)।  पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चल रही ताबड़तोड़ कार्यवाही के मद्देनजर, स्थानीय पुलिस ने नक्सलियों के जनपद की सीमा में प्रवेश को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। पुलिस ने छत्तीसगढ़ से आने वाले वाहनों की सघन जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, सीमा से लगे गांवों में सुरक्षा नेटवर्क को भी मजबूत किया गया है।

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    जानकारी के अनुसार, बभनी थाना क्षेत्र के गांव छत्तीसगढ़ की बलरामपुर सीमा से सटे हुए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सल गतिविधियों को समाप्त करने का ऐलान किया है, जिसके बाद से छत्तीसगढ़ के बस्तर, दंतेवाड़ा और अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बलों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन जवानों के पास अत्याधुनिक असलहे हैं और वे लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं या मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं।

    स्थानीय पुलिस इस स्थिति को गंभीरता से ले रही है और अलर्ट मोड में है। रविवार को बभनी पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल के नेतृत्व में एक सघन जांच अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान पैदल गश्त बढ़ाई गई और लोगों से अपील की गई कि वे संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना तुरंत थाना को दें। पुलिस ने आश्वासन दिया कि ऐसी सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

    पुलिस की इस सक्रियता से स्थानीय निवासियों में सुरक्षा का अहसास बढ़ा है। पुलिस का मानना है कि यदि स्थानीय लोग सतर्क रहेंगे और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देंगे, तो नक्सलियों के जनपद में प्रवेश करने की संभावनाएं कम होंगी।

    इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में चल रही माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई का असर सोनभद्र जनपद में भी देखने को मिल रहा है। पुलिस की सख्त निगरानी और स्थानीय लोगों की जागरूकता से नक्सलियों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई से न केवल पुलिस की चौकसी बढ़ी है, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी महत्वपूर्ण हो गई है।