मेडिकल कालेज होने से स्वास्थ्य सेवाओं का हब होगा सोनांचल
जागरण संवाददाता सोनभद्र जनपद को मेडिकल कालेज की सौगात देकर स्वास्थ्य सेवाओं का हब बनाया जा सकता है। जनता भी इसकी मांग कर रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि लक्ष्य का आधा से अधिक का सफर स्वास्थ्य विभाग पूरा कर चुका है। संयुक्त चिकित्सालय में 100 व 200 बेड का महिला एवं बाल चिकित्सालय के अलावा इसी परिसर में ट्रामा सेंटर व बर्न यूनिट बनकर तैयार है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : मेडिकल कालेज बनने के पैमाने का आधार सफर तय कर चुके जिले के संयुक्त चिकित्सालय को मेडिकल कालेज का दर्जा देने के लिए एक बार फिर आवाज बुलंद होने लगी है। इससे पहले यहां के जनप्रतिनिधियों ने भी संसद से लेकर विधानसभा में इसकी मांग कर चुके हैं।
दरअसल, वनों व पहाड़ों से घिरे जनपद का दायरा बहुत बड़ा है। लगभग दो सौ किमी लंबाई में फैले इस जनपद में मेडिकल कालेज बनाने को लेकर अक्सर आवाजें उठती रही हैं। ऐसे में मेडिकल कालेज के पैमाने का लगभग आधा हिस्सा जिला मुख्यालय स्थित संयुक्त चिकित्सालय पूरा करने की स्थिति में है। यहां पर 100 व 200 बेड का महिला एवं बाल चिकित्सालय के अलावा ट्रामा सेंटर व बर्न यूनिट बनकर तैयार है, जिसमें क्रमश: 30-30 बेड हैं। इस तरह संयुक्त चिकित्सालय समेत परिसर में बने सभी अस्पतालों को मिलाकर 460 बेड पूरा हो जाता है।
बेड उपलब्धता के अतिरिक्त मेडिकल कालेज की दूसरी बड़ी शर्त जमीन के मामले में भी संयुक्त चिकित्सालय परिसर में 20 एकड़़ से अधिक भूमि है। बावजूद इसे मेडिकल कालेज का दर्जा नहीं मिला है। जनपदवासी ही नहीं कई जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने इस मामले को सदन व उच्चाधिकारियों के बीच उठाया है। चिकित्सकों व कर्मियों की कमी आ रही आड़े
जिले में अस्पतालों की अपेक्षा विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है। संयुक्त चिकित्सालय परिसर में नवनिर्मित 100 बेड के महिला, शिशु अस्पताल को संचालन के लिए हेरिटेज को दे दिया गया है लेकिन चिकित्सों की कमी से संचालन बंद है। ट्रामा सेंटर व बर्न यूनिट भी चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती न होने से अभी तक शुरू नहीं हो सका है। खुलने से पहले ही कर्जदार हो गया अस्पताल
संयुक्त चिकित्सालय में नवनिर्मित 100 बेड का महिला एवं शिशु अस्पताल खुलने से पहले ही कर्ज में डूब गया। इस पर बिजली का 76 लाख रुपये बकाया है। राबर्ट्सगंज विद्युत वितरण खंड के अधिकारी इस अस्पताल की बिजली काटने की योजना बना रहे हैं। अधिशासी अभियंता ई. एसके सिंह ने बताया कि पहले नोटिस भेजी जाएगी। यदि बकाया जमा नहीं हुआ तो बिजली काट दी जाएगी।