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उभ्भाकांड में जांच को सोनांचल में आज एसआइटी!

सोनभद्र घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) एक बार फिर सोमवार को जिले में आ सकती है। टीम उभ्भा गांव में पहुंचकर पीड़ितों से मिलेगी और अन्य लोगों से भी पूछताछ करेगी। टीम का यह चौथा दौरा है। टीम के आने की भनक लगते ही अधिकारियों कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 06:37 PM (IST)
उभ्भाकांड में जांच को सोनांचल में आज एसआइटी!
उभ्भाकांड में जांच को सोनांचल में आज एसआइटी!

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) एक बार फिर सोमवार को जिले में आने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक टीम उभ्भा गांव में पहुंचकर पीड़ितों से मिलेगी और अन्य लोगों से भी पूछताछ करेगी। टीम का यह चौथा दौरा है। टीम के आने की भनक लगते ही अधिकारियों, कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं।

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17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर नरसंहार हुआ था। उसमें दस लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 28 लोग घायल हुए। सभी को भर्ती कराया गया। बाद में वाराणसी के ट्रामा सेंटर में एक महिला की और मौत हो गई। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच के आधार पर तत्कालीन एसडीएम, सीओ और एसएचओ सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार के नेतृत्व में एक और जांच कमेटी बनी। उस जांच कमेटी ने जब जांच किया तो रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक को यहां से हटा दिया गया। साथ ही 27 अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआइआर कराई गई। रेणुका कुमार की जांच रिपोर्ट में ही एसआइटी जांच की सिफारिश की गई। उसी आधार पर जांच शुरू की गई है। पहले कई बिदुओं पर हुई जांच

एसआइटी ने पहले जिले में आकर कई बिदुओं पर जांच किया है। पहली बार जब टीम आई तो उभ्भा आदि स्थलों का निरीक्षण किया। पीड़ितों से मिलकर घटना के बारे में जरूरी जानकारी लिए। डीआइजी जे रविद्र गौंड़ के नेतृत्व वाली यह टीम दूसरी बार जब जिले में आई तो चुर्क गेस्ट हाउस में रहकर पत्रावलियों की जांच की। कुछ जरूरी साक्ष्य इकठ्ठा करने के बाद वापस लखनऊ चली गई। तीसरी बार आई टीम ने भी जरूरी साक्ष्य इकठ्ठा किए। इस बार टीम समितियों के कागजात आदि की जांच करने के साथ ही पूछताछ कर सकती है।


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