शिक्षामित्र ने ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम को भगाया
प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल रही परिषदीय स्कूलों में ड्रेस वितरण योजना ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कई रंग भरे हैं। इस योजना के कारण यहां की हजारों निर्धन महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की सुगंध पायी है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल परिषदीय स्कूलों में ड्रेस वितरण योजना ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कई रंग भरे हैं। इस योजना के कारण यहां की हजारों निर्धन महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की सुगंध पाई है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षित इन महिलाओं ने इस योजना को स्मार्ट बनाया है।
शुरुआती वर्ष में इस योजना में एकमुश्त रेडीमेड ड्रेस वितरित किये गये, जिसमें साइज संबंधी दिक्कत थी लेकिन इन समूह की महिलाओं ने अब इस गंभीर दिक्कत को खत्म कर दिया है। इसके लिए दुर्गम क्षेत्रों में जाकर ये महिलाएं साइज का आकलन कर रही हैं लेकिन मंगलवार को चतरवार में हुई घटना के बाद इन महिलाओं में पहली बार भय उत्पन्न हुआ है। इस घटना ने शैक्षिक प्रणाली में बसे क्रोध को भी उजागर किया है। अगोरी ़खास सेंटर की टीम चतरवार प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या और साइज आकलन के साथ ड्रेस वितरण के लिए गई थी लेकिन उन्हें वहां अपमान झेलना पड़ा। विद्यालय में मौजूद शिक्षा मित्र द्वारा उन्हें डांट के भगा दिया गया। टीम में समूह सचिव रश्मि सिंह एवं कोषाध्यक्ष संगीता देवी सहित आजीविका मिशन के भी लोग शामिल थे। शिक्षामित्र के रवैये से आहत महिलाओं ने कई बार अपनी बात रखनी चाही लेकिन शिक्षामित्र प्रधानाध्यापक की सीट पर बैठकर नाराजगी दिखाते रहे। शिक्षामित्र के रवैये के कारण विद्यालय में पठन-पाठन अचानक रुक गया। टीम ने अपने अधिकारियों को घटना की सूचना दी। सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि हमलोग बच्चों को ड्रेस नहीं दे पाए।बच्चो का नाप लेना आवश्यक था। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी चोपन मुकेश कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है,जांच की जा रही है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।