विद्युत कटौती पर अंधेरे में डूब जाता है आश्रय गृह
राबर्ट्सगंज नगर में स्थित आश्रय गृह (शेल्टर हाउस) में सब कुछ दुरुस्त है लेकिन बिजली कटौती पर रूकने वाले अतिथियों को मच्छरों से जंग लड़नी पड़ती है। आश्रय गृह में न तो इनवर्टर लगा है और न ही जनरेटर ही है। जागरण की टीम बुधवार की रात 10 बजे शेल्टर हाउस पहुंची तो 50 बेड के सापेक्ष 20 बेड पर अतिथि चैन की नींद लेते मिले।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राबर्ट्सगंज नगर में स्थित आश्रय गृह (शेल्टर हाउस) में सब कुछ दुरुस्त है लेकिन बिजली कटौती पर रुकने वाले अतिथियों को मच्छरों से जंग लड़नी पड़ती है। आश्रय गृह में न तो इनवर्टर लगा है और न ही जनरेटर ही है। जागरण की टीम बुधवार की रात 10 बजे शेल्टर हाउस पहुंची तो 50 बेड के सापेक्ष 20 बेड पर अतिथि चैन की नींद लेते मिले।
राबर्ट्सगंज स्थित शेल्टर हाउस में 50 बेड है। बेड पर चकाचक बिस्तर के साथ ही सभी को ठंड से बचाव के लिए कंबल मौजूद था। पेयजल व्यवस्था भी ठीक-ठाक रही। साफ सफाई का इंतजाम भी सही रहा। शेल्टर हाउस में रूकने वाले लोगों के लिए अखबार पढ़ने की सुविधा भी मुहैया कराई गई थी। इस शेल्टर हाउस को प्रतापगढ़ की जनहित सेवा एवं शोध संस्थान द्वारा संचालित किया जा रहा है। प्रबंधक बद्री नारायण मिश्र बताते हैं कि इस संस्थान को 26 मार्च 2019 से शेल्टर हाउस संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है। यहां उनके अलावा तीन केयरटेकर भी हैं, जो आने वाले अतिथियों को पूरा ध्यान रखते हैं। अतिथियों को आधार कार्ड की फोटो कापी लेकर रुकने के लिए बेड मुहैया कराया जाता है। हालांकि इस शेल्टर हाउस में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है। इनवर्टर भी नहीं लगाया गया है। विद्युत आपूर्ति ठप होने पर लोगों की रात अंधेरे में कटती है। इस दौरान मच्छरों की अधिकता से वे परेशान रहते हैं।