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ओबरा थाना सहित कई सरकारी विभागों की बिजली कटी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पांच शहरों के विद्युत वितरण के निजीकरण को लेकर बिजल

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 09:04 PM (IST)
ओबरा थाना सहित कई सरकारी विभागों की बिजली कटी
ओबरा थाना सहित कई सरकारी विभागों की बिजली कटी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पांच शहरों के विद्युत वितरण के निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन तेज करते हुए तय कार्यक्रम के तहत कई सरकारी विभागों की बिजली काट दी। बड़े विद्युत बकाए वाले सरकारी विभागों की बिजली काटते हुए बिजली कर्मियों ने निजीकरण के निर्णय को वापस न लेने पर और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

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सोमवार को संघर्ष समिति में शामिल तमाम कामगार संगठनों ने सरकार के निर्देश को ही ढाल बनाते हुए ओबरा थाना, नगर पंचायत ओबरा, ¨सचाई विभाग एवं डाकघर की बिजली काट दी। इन विभागों पर 12 करोड़ से ज्यादा का बकाया है। बिजली काटने के दौरान ओबरा थाने में पुलिस और बिजली कर्मियों के बीच कहासुनी भी हुई। पुलिस कर्मियों ने बकाए के संबंध में एसपी से बात करने को कहा लेकिन बिजली कर्मियों ने सरकार के आदेश का हवाला देते हुए थाने की बिजली काट दी। इससे पहले संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में कर्मचारियों व अभियंताओं ने नारे लगाते हुए नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर विद्युत विच्छेदन करवाया। अभियान के दौरान कोई विरोध न हो इसलिए सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी व अभियन्ता साथ निकले। विद्युत कनेक्शन विच्छेदन के अगले क्रम में ओबरा पोस्ट आफिस एवं ¨सचाई विभाग का कनेक्शन काटा। पुन: कनेक्शन जोड़वाने के लिए अधिकारियों के पास आला अधिकारियों का फोन आने लगा लेकिन नाराज कर्मचारियों ने लिखित निर्देश मिलने तक या बकाया धनराशि जमा करने तक पुन: कनेक्शन जोड़ने की बात कही। इस दौरान ओबरा के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों में राधा मोहन प्रजापति, शशिकांत श्रीवास्तव, आरबी त्रीपाठी, अजय कुमार ¨सह, हरदेव नारायण तिवारी, लाल चन्द, उमेश चंद, शाहिद अख्तर, संतोष विश्वकर्मा, नर¨सह त्रिपाठी, अदालत वर्मा सहित पीसीएल के एसडी विवेक कुमार, अधीक्षण अभियन्ता सुरेश, अधिशासी अभियंता जीएन मिश्र सहित सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता एवं कर्मचारी मौजूद थे। जेई संगठन ने भी खोला मोर्चा

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन शाखा ओबरा की सोमवार को आमसभा हुई। इसमें प्रदेश सरकार के निर्णय के विरोध मे केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा चलाये जा रहे विरोध कार्यक्रम के तत्वावधान में 27 मार्च को प्रस्तावित कार्य बहिष्कार को सफल बनाने एवं निजीकरण से प्रदेश की आमजनता, प्रदेश का व्यापार एवं विकास पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की गई।


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