तेज बारिश से कई सड़कें बहीं, जनजीवन ठप
जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले में बुधवार की रात से हो रही झमाझम बारिश से कई सड़कों पर पानी भरने से लोग हलकान रहे। राबर्ट्सगंज नगर के सिविल लाइंस रोड के अलावा चंडी तिराहे से अमिरति कालोनी तक लोगों को जगह-जगह जलभराव का सामना करना पड़ा। हालत यह रही कि तमाम लोग सड़क पर भरे पानी में बाइक या स्कूटी से गिरकर भी घायल हो गए। हर बरसात में इन स्थानों पर जलभराव होने के बावजूद इसके स्थाई निस्तारण की फिक्र नहीं की जा रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में बुधवार की रात से हो रही झमाझम बारिश से कई सड़कों पर पानी भरने से लोग हलकान रहे। राबर्ट्सगंज नगर के सिविल लाइंस रोड के अलावा चंडी तिराहे से अमिरति कालोनी तक लोगों को जगह-जगह जलभराव का सामना करना पड़ा। रेणुकापार के छह से अधिक मार्गों को भारी क्षति पहुंची है। कई प्रमुख मार्ग दर्जनों जगहों पर बह गए जिसके कारण उनपर आवागमन ठप हो गया है।
जिले में बुधवार की रात तेज गरज के साथ मूसलधार बारिश हुई। इस दौरान आकाशीय बिजली की तड़क से लोग सहम गए। कई स्थानों पर आकाशीय बिजली भी गिरी। रात में करीब दो घंटे झमाझम बरसात से सिविल लाइंस रोड, बढ़ौली चौराहा से मेन मार्केट जाने वाले मार्ग, चंडी तिराहा, धर्मशाला चौक, इलाहाबाद बैंक शाखा राबर्ट्सगंज व अमिरति कालोनी के पास सड़कों पर करीब एक से डेढ़ फीट पानी भर गया। बरसात की वजह से सैकड़ों लोग राबर्ट्सगंज नगर में बने तीन किमी लंबे फ्लाईओवर के नीचे पनाह लिए रहे। युवाओं की टोली को सड़क पर भरे पानी में बाइक या स्कूटी की रफ्तार तेज कर पानी उड़ा कर लोगों को भिगाने में भी मस्त रही। बरसात का सिलसिला बुधवार की रात से जो शुरू हुआ वह गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। फर्क बस इतना था कि दूसरे दिन रुक-रुक कर कभी तेज तो कभी धीमी बरसात होती रही। लगातार बरसात से राबर्ट्सगंज के नीचले हिस्से में स्थित तमाम मोहल्लों में पानी भर गया। इसकी मुख्य वजह यह भी रही कि नगर में पानी निकासी का माकूल कोई इंतजाम नहीं है। बरसात की वजह से कई परिषदीय स्कूलों के परिसर में जलजमाव से शिक्षकों व छात्रों को परेशानी उठानी पड़ी। छात्रों की उपस्थिति भी काफी कम रही। बरसात के कारण कई स्थानों पर ब्रेकडाउन से बचने के लिए विद्युत आपूर्ति भी ठप कर दी गई था। आकाशीय बिजली का कहर थमने व बरसात कम होने पर विद्युत आपूर्ति बहाल हुई। प्राथमिक स्कूल बना ताल-तलैया
सोनभद्र : राबर्टसगंज ब्लाक के प्राथमिक स्कूल खचार में बरसात का पानी भर जाने से गुरुवार को छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल के आसपास खड़ी लंबी-लंबी घास व पानी जमा होने से तमाम बच्चे स्कूल नहीं पहुंच सके। एक तरफ सरकार प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं, वहीं राबर्ट्सगंज क्षेत्र के खचार गांव का स्कूल परिसर में थोड़ी बारिश होते ही पानी जमा हो जा रहा है। पानी की निकासी की व्यवस्था न होने के कारण छात्र-छात्राओं को पानी के बीच से स्कूल आना पड़ रहा है। स्कूल के गेट से अंदर तक दो-तीन फुट तक पानी भरा है। कमरों में सीलन से परेशानी
बरसात के दिनों में ज्यादातर स्कूलों की छतों व दीवारों से पानी टपकने की वजह से लोगों को सीलन का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इन स्कूलों के मरम्मत की मांग संबंधित शिक्षक समय-समय पर करते रहे है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिसका खामियाजा बरसात में शिक्षकों व छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। धान के लिए अमृत है बरसात
बुधवार की रात से शुरू हुई बरसात से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि जो किसान धान की रोपाई कर चुके हैं, बरसात न होने से उनका धान पीला पड़ने लगा था। इसलिए इस बरसात को धान के लिए अमृत कहा जा रहा है। इससे किसानों की चिता भी कम हुई है और वे पूरी तैयारी के साथ धान के खेत में उगे खरपतवार को निकालने लगे हैं।
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चित्र-6-रेणुकापार के कई सड़कें बहीं, आवागमन बाधित
- सड़कों की खस्ता हालत से जनजीवन हुआ प्रभावित जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बीते 24 घंटे के दौरान हुयी मूसलधार बारिश के कारण रेणुकापार के छह से अधिक मार्गों को भारी क्षति पहुंची है। कई प्रमुख मार्ग दर्जनों जगहों पर बह गये जिसके कारण उनपर आवागमन ठप हो गया है।
गुरुवार को ओबरा सहित चोपन ब्लाक के पश्चिमी दर्जन भर ग्राम पंचायतों में लगातार बारिश हो रही है। इससे जहां किसानों को राहत मिली है वहीं आवागमन में भारी दिक्कतें पेश आ रही है। लगातार बारिश से उफान पर आये नालों के कारण दर्जनों टोलों का सड़क सम्पर्क पूरी तरह कट गया है। रेणुकापार के पनारी, भरहरी, जुगैल, बडगवां, नेवारी, परसोई, बैरपुर, कनहरा एवं गोठानी सहित दर्जन भर ग्राम पंचायतों में हुई बारिश के कारण दो दर्जन क्षेत्रीय नाले उफान पर आ गये हैं। बारिश में पहाड़ों से आये पानी से नाले पांच से 10 फुट तक बढ़ जा रहे हैं। रेणुकापार में 40 से ज्यादा ऐसी जगहें हैं जहां नालों पर पुलिया नही है। जिसके कारण ग्रामीणों को जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। खासकर स्कूली बच्चों के सामने सबसे ज्यादा दिक्कत पेश आ रही है। तेज बारिश के बाद दर्जनों टोलों तक एम्बुलेंस पहुंचने की संभावना खत्म हो गयी है, जिससे आपातकालीन मरीजों के सामने जानलेवा स्थिति पैदा हो गयी है । कड़िया-परसोई मार्ग पर दहशत
रेणुकापार के बड़े क्षेत्रों की दो लाख आबादी को जोड़ने वाला कड़िया-परसोई ल मार्ग को लेकर ग्रामीणों में दहशत है। बीते 24 घंटे के दौरान हुयी बारिश में इस मार्ग के कई हिस्से बह गये हैं। कई जगहों पर तो आठ फिट तक के गड्ढे बन गये हैं। अत्यंत सघन वनों से गुजरने वाले इस मार्ग पर रात में चलना मौत को दावत देने जैसा हो गया है। इसके अलावा बारिश से परसोई-कनहरा मार्ग, कनुहार-बेल्गढ़ी मार्ग आदि प्रमुख मार्गों के अलावा अरंगी-मेराडांड मार्ग, खैराही-अमरश्रोता मार्ग, अरंगी-अदराकुदर मार्ग,अमिरिनिया-काशपानी मार्ग सहित दर्जनों मार्गों को भारी क्षति पहुंची है।