Road Safety in Sonbhadra : सड़कों की फिटनेस फेल कर रहे अवैध कट और ब्लैक स्पाट, सड़क दुर्घटना में हो रही मौत
सोनभद्र में जगह-जगह अवैध कट सड़क की फिटनेस फेल कर रहा है। इसके कारण सोनांचल में सड़क दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला है। पिछले पांच वर्ष में 1370 सड़क दुर्घटनाओं में 927 लोगों की मौत हो गई है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग जनपद की लाइफलाइन है। इसमें जगह-जगह अवैध कट सड़क की फिटनेस फेल कर रहा है। इसके अलावा सड़क निर्माण के दौरान मानक की अनदेखी व बेतरतीब डिजाइन समस्या को बढ़ा रही है। इसके कारण सोनांचल में सड़क दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला है।
जनपद में पिछले पांच वर्ष में मौतों का औसत निकाला जाए तो हर दो दिन में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में होती है। इसके अलावा 35 घंटे के अंदर एक सड़क दुर्घटना। पिछले पांच वर्ष में 1370 सड़क दुर्घटनाओं में 927 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 911 लोग घायल हुए, जिसमें 174 लोग दिव्यांग हो गए।
प्रकाश व्यवस्था नदारद, अनोखा फ्लाइओवर
वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग सुकृत से लेकर हाथीनाला तक फोर लेन है। करीब 80 किलोमीटर फोरलेन मार्ग पर कहीं पर भी प्रकाश का इंतजाम नहीं है। आलम यह है कि जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज से गुजरने वाले करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबे फ्लाइओवर पर प्रकाश न होने के कारण कई दुर्घटनाओं के बावजूद टोल प्लाजा प्रबंधन ने इसपर कोई कदम नहीं उठाया।
फ्लाइओवर का डिजाइन इस कदर है कि आए दिन इस पर हादसे होते हैं, जिसको लेकर कई विशेषज्ञों ने भी समय-समय पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। पिछले पांच वर्षों में फ्लाईओवर पर लगभग 41 दुर्घटनाओं में 13 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
सर्विस लेन न होने के कारण एनएच मार्ग बना बाटलनेक
रीवां-रांची राष्ट्रीय राज्यमार्ग जनपद में विंढमगंज से अनपरा तक जाता है, यह दूरी करीब 90 किलोमीटर की है। एनएच मार्ग टू लेन है, लेकिन सर्विस लेन न होने के कारण दुद्धी से हाथीनाला तक (जंगल में) यह बाटलनेक बन जाता है। सड़क के अगल-बगल पटरी व जगह न होने पर एक साथ दो बड़े वाहन अक्सर दुर्घटना का शिकार होते हैं। सड़क छोड़ने पर पेड़ों से यह वाहन टकराते हैं।
हथवानी, पटवध, कस्बा चोपन, कस्बा डाला, सलखन, मारकुंडी, बग्घानाला, गुरमुरा, मधुपुर, उरमौरा, लोहरा, हिंदुआरी, चंडी तिराहा, खाड़पाथर व औड़ी चिन्हित 15 ब्लैक स्पाट हैं। इसमें सर्वाधिक चोपन व राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र में है। इसके अलावा 39 हाट स्पाट हैं, जिसमें सुकृत, गुरमा मोड़, केकराही, करकी माइनर, भरुआ माइनर, मुक्खा मोड़, राजपुर मोड़, हनुमान तिराहा, मराची मोड़, तियरा अस्पताल, पकरहट पुल, रईया गांव के पास, करमांव तिराहा, भोगा सिंह तिराहा, कांवेंट तिराहा, बग्घानाला बैरियर, आर्य समाज चौराहा, जोरबा मोड़, गड़दरवा तिराहा, साऊडीह तिराहा, रजखड़ तिराहा, तहसील तिराहा, म्योरपुर-अमवार तिराहा, जाेरुखाड़, जरहा मंदिर का पहला मोड़, वनदेवी मंदिर के पास, बैरपान, सिदहवा, दुद्धीचुआं तिराहा व खड़िया बाजार के रेलवे पुल के पास प्रमुख हैं।
रेट्रो बोर्ड व प्रकाश की हो समुचित व्यवस्था
मारकुंडी के पास वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटना होती है। कारण पहाड़ी होने के कारण यहां पर सबसे अधिक टर्न है। इसलिए यहां पर जगह-जगह रेट्रो बोर्ड व प्रकाश के समुचित प्रबंधन की जरूरत है। सड़क सुरक्षा पर बेेहतर काम करना होगा। श्रवण पांडेय, अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग।
मरम्मत के दौरान बोर्ड जरूरी
बग्घानाला व सिंदुरिया के पास वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर आरओबी का निर्माण व वन-वे है, जिसके कारण वाहन चालकों को समस्या होती है। बावजूद इसके यहां पर न तो बोर्ड लगा है न ही प्रकाश की व्यवस्था है। यही कारण है कि यहां पर दुर्घटनाएं होती हैं। निर्माण कंपनी को इन सब बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जितेंद्र सिंह, अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग
अवैध कट व रांग साइड से दो वर्ष में हुए हादसे
हाइवे दुर्घटना मौत
एनएच 51 42
स्टेट 192 109
ग्रामीण 105 77