ओबरा सी निर्माण के कारण सड़कें ध्वस्त
1320 मेगावाट के ओबरा सी की कार्य योजना बनाने में निर्माण से जुड़े भारी वाहनों के आवागमन को लेकर कोई योजना नही बनाने को लेकर आक्रोश बढ़ते जा रहा है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : 1320 मेगावाट के ओबरा सी की कार्य योजना बनाने में निर्माण से जुड़े भारी वाहनों के आवागमन को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बड़े वाहनों के कारण परियोजना कालोनी की खराब हुयी सड़कों के खिलाफ बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मोर्चा खोल दिया है। रविवार को समिति ने बैठक कर बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी है।
पिछले एक वर्ष में ही कालोनी का सबसे प्रमुख महात्मा गांधी मार्ग, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग एवं स्टेडियम मार्ग सहित डिग्री कालेज-शारदा मंदिर मार्ग पूरी तरह खत्म हो गया। इन मार्गों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से इन पर चलना जानलेवा हो गया है। मानसून सत्र के दौरान जहां इस मार्ग पर फिसलन बढ़ रहा है वहीं बरसात के बाद प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है।
मजबूरन लिखना पड़ेगा पत्र
रविवार को संघर्ष समिति की हुयी बैठक में तमाम ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने कड़ा रवैया अपनाते हुए ओबरा सी का निर्माण कर रही कोरियन कम्पनी से तत्काल सड़क निर्माण की मांग की है। प्रतिनिधियों ने कहा है कि अगर कोरियन कंपनी या सम्बंधित अधिकारी इस मामले पर गंभीर नहीं हुए तो इस मार्ग की वीडियोग्राफी कराकर एनजीटी को मजबूरन पत्र लिखना पड़ेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलवार को ओबरा सी के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सायं पांच बजे थाने के पास आंबेडकर चैराहे पर सभा की जाएगी। परियोजना कॉलोनी के मुख्य मार्ग की दुर्दशा तथा मुख्य मार्ग से लेकर मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय तक उचित प्रकाश की अत्यधिक कमी को लेकर 18 अक्टूबर को अधिकारी क्लब नंबर एक के पास विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी अगर स्थानीय प्रबंधन द्वारा समस्यायों का समाधान नहीं किया गया तो आगे चरण बद्ध आंदोलन किया जायेगा। बैठक में समिति के संयोजक बीडी विश्वकर्मा , इं अदालत वर्मा , अंबुज सिंह , सुरेंद्र कुमार, हरदेव नारायण तिवारी, सतीश कुमार, इं मनीष मिश्रा , विजय सिंह, शाहिद अख्तर, कैलाश नाथ , विजय प्रताप कुशवाहा, वरुण कुमार, बीडी तिवारी, आरपी त्रिपाठी , सत्य प्रकाश सिंह आदि थे।
जीगनहवा की सड़क पर चलना कठिन
जासं, आसनडीह (सोनभद्र): बभनी विकास ख!ड के जीगनहवा गांव की सड़क गढ्डे में त8दील होने से पैदल चलना मुश्किल हो गया हैं। लोग आए दिन चोटिल हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायत की गई लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ। अब मरम्मत न होने से लोगों में काफी आक्रोश हैं। गांव के प्रधान श्लोक प्रसाद का कहना है कि भवर से लेकर मझौली गांव तक दस किलोमीटर सड़क पूरी तरह से टूट गयी हैं। गांव के अजय कुमार, मोहन, राम औतार, जवाहर, महेश महेंद्र, ननहक, तेजू आदि ने सड़क मरम्मत की मांग की है।