एक पखवारे से रिहंद का जलस्तर स्थिर
बारिश के थमते ही रिहंद के बढ़ते जलस्तर पर भी रोक लग गई। जल विद्युत गृह पिपरी से लगातार उत्पादन किए जाने से जलस्तर में धीरे-धीरे कमी दर्ज की जा रही है। पिछले एक सप्ताह में दो इंच की कमी आई है।
जासं, रेणुकूट (सोनभद्र) : बारिश के थमते ही रिहंद के बढ़ते जलस्तर पर भी रोक लग गई। जल विद्युत गृह पिपरी से लगातार उत्पादन किये जाने से जलस्तर में धीरे-धीरे कमी दर्ज की जा रही है। गत एक सप्ताह में दो इंच की कमी आई है। रविवार को रिहंद का जलस्तर 867.20 फीट दर्ज किया गया। 10 सितंबर को भी रिहंद का जलस्तर 867.20 फीट ही था।
जल विद्युत गृह पिपरी से एक सप्ताह पूर्व सभी छह टरबाइनों से 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा था। जलस्तर थमते ही 2-3 दिनों से आवश्यकता पड़ने पर लखनऊ बोर्ड के निर्देश पर 2-3 टरबाइनों से समय-समय पर ही विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। मानसून की बेरूखी से विभाग के उच्चाधिकारियों समेत क्षेत्र के लोगों ने रिहंद के अधिकतम जलस्तर 870.00 फीट पार होने के साथ फाटक खुलने का नजारा देखने की आस अब धूमिल पड़ने लगी है। अधिकतम लक्ष्य से अभी भी रिहंद का जलस्तर तीन फीट दूर है। समय-समय पर बिजली उत्पादन किए जाने से जलस्तर में भी कमी आने लगी है। इस वर्ष का अधिकतम जलस्तर 867.60 फीट पहुंचा था जो धीरे-धीरे घटकर 867.20 फीट पहुंच गया है। अभी भी शेष बचे मानसून पर विभाग को कुछ हद तक उम्मीद है की एक बार और अच्छी बारिश जलाशय के लिए कारगर साबित होगी।