निलंबन व नोटिस से लेखपाल संघ में आक्रोश
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले लेखपालों को निलंबित करना और प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस देना न्याय संगत नहीं है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले लेखपालों को निलंबित करना और प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस देना न्याय संगत नहीं है। शासन-प्रशासन लेखपालों का उत्पीड़न कर रहा है और तानाशाही रवैया अपना रहा है। इससे लेखपाल संघ के लोगों में शासन के प्रति आक्रोश है।
यह बातें लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करते हुए कहा। शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लेखपालों ने कहा कि जायज मांगों को लेकर आंदोलन चल रहा है। सरकार मांग पूरी करने के बजाय तानाशाही रवैया अपना रही है। लेखपालों पर एफआइआर दर्ज कराकर धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है, ताकि संघ के लोग अपनी आवाज बुलंद करना भी छोड़ दें। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है। लेखपाल अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। निलंबन, नोटिस और एफआइआर से डरने वाले नहीं है। लेखपालों ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नाथ मिश्रा, बृजबिहारी, रामराज यादव, राजेंद्र प्रसाद टंडन, शिवशंकर यादव आदि मौजूद रहे।