धार्मिक अनुष्ठान दूर करेगा संक्रमण
आज संपूर्ण विश्व कोरोना वारयास के बढ़ते प्रभाव को लेकर चितित है। अभी तक इसके लिए कोई कारगर दवा नहीं बन सकी है। इन सबके बीच यह अच्छी खबर है कि नवरात्र में पूरे नौ दिन तक हवन पूजन होंगे। इससे पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी। ऐसी स्थिति में संक्रमण भी दूर होगा। इसे वैज्ञानिक भी मान चुके हैं कि हवन में जो सामग्री जलायी जाती है
कॉमन इंट्रो--
नवरात्र में पूरे नौ दिन तक हवन-पूजन होंगे। इससे पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी। ऐसी स्थिति में संक्रमण भी दूर होगा। शक्तिपीठों के पुजारी कहते हैं हमारा आध्यात्म संपूर्ण सृष्टि की सफलता के लिए ही है। इस लिए घर पर धार्मिक अनुष्ठान करें, हवन करें तो संक्रमण दूर करने में मदद मिलेगी। शुद्ध घी जलने से मर
जाते हैं रोग कीटाणु
अपने घरो में रह कर हवन सामग्री में रायल, बड़, पीपड़, आम, बिल्व, गूलर, अशोक, पारिजात, देवदार की चैला, घी से हवन करते हुए वातावरण को शुद्ध एवं विषाणु रहित बनाया जा सकते हैं। शुद्ध और पवित्र वातावरण से रोगरोधी क्षमताएं बढ़ती हैं और बड़ी से बड़ी महामारी दूर होती है। दुर्गा सप्तशती पाठ के वाचन से क्षेत्र पवित्र एवं रोगरोधी बनाता है। शुद्ध घी जब जलता है तो रोग कीटाणु मर जाते हैं। इसे वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं।
दुर्गा प्रसाद शास्त्री, पुरोहित, ज्वाला मंदिर-शक्तिनगर
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हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने वैज्ञानिक आधार पर शोध करके सामग्री व समिधाओं का चयन किया था। उसी के अनुसार यज्ञ व हवन किए जाते रहे। निश्चित तौर पर यज्ञ व हवन से वातावरण शुद्ध होता है। जैसे पीपल, बिल्व, आम, शमी, आंवला, मौलश्री आदि के छिलके को मिलाकर शुद्ध घी के साथ हवन का विधान है। यह आज भी विज्ञान सम्मत है। यज्ञ, हवन करने वाले के घर सुख, शांति होती है।
पं. श्रीकांत तिवारी, प्रधान पुजारी--मां वैष्णो शक्तिपीठ