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ओबरा बग्घानाला मार्ग के निर्माण से मिलेगी राहत

लगभग एक दशक से जर्जरता का शिकार रहे ओबरा बग्घनाला मार्ग एवं बिल्ली स्टेशन मार्ग के निर्माण से आने वाले दिनों में नागरिकों को भारी राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 05:07 PM (IST)
ओबरा बग्घानाला मार्ग के निर्माण से मिलेगी राहत
ओबरा बग्घानाला मार्ग के निर्माण से मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : लगभग एक दशक से जर्जरता का शिकार रहे ओबरा बग्घानाला मार्ग एवं बिल्ली स्टेशन मार्ग के निर्माण से आने वाले दिनों में नागरिकों को राहत मिलेगी। दो लाख की आबादी के लिए महत्वपूर्ण इन मार्गों का निर्माण चल रहा है। हालांकि निर्माण में तेजी की मांग भी जारी है। लगभग छह किमी लंबे ओबरा बग्घानाला मार्ग का बड़ा हिस्सा अभी भी कष्टदायक बना हुआ है। खासकर शारदा मंदिर से नगर पंचायत बैरियर तक स्थिति काफी खराब है।उम्मीद है कि मानसून से पहले मार्ग का निर्माण पूरा हो जाए। इस  मार्ग  की उपयोगिता का अंदाजा इसके औद्योगिक व्यस्तता से लगाया जा सकता है। लगभग 10400 करोड़ की लागत से बन रहे 1320 मेगावाट क्षमता के  ओबरा-सी के बड़े-बड़े पा‌र्ट्स इसी  मार्ग  से आने हैं।

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ओबरा  तापीय परियोजना का भी सामान इसी  मार्ग  से आता जाता है। प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन परियोजना के फ्लाई ऐश लेकर इसी मार्ग से जाते हैं। इसके अलावा प्रदेश को भारी राजस्व देने वाले बिल्ली खनन उद्योग का सारा भार इसी  मार्ग  पर है। लगभग 6 किलोमीटर लंबे इस  मार्ग  के लगभग 5 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह जर्जर हो गया है। खासकर नगर पंचायत बैरियर से बघमनवा बैरियर तक का हिस्सा अत्यंत जर्जर हो गया है।  लगातार जर्जर होते जा रहे ओबरा-बग्घानाला  मार्ग  पर एक हजार के करीब भारी वाहन रोजाना गुजरते हैं। ज्यादातर वाहनों में 60 टन से ज्यादा माल लदा होता है। आने वाले दिन में ओबरा-सी के टरबाइन, ब्वायलर, ईएसपी, रोटर, जेनरेटर सहित कई हैवी मशीनरी इसी  मार्ग  से आएगी। ऐसे में सड़क निर्माण से भारी राहत मिलेगी। बिल्ली जंक्शन  मार्ग के निर्माण से भी मिलेगी राहत 

रेलमार्ग  के माध्यम से जनपद को झारखंड और मध्य प्रदेश से जोड़ने तथा  गिट्टी आपूर्ति के एकमात्र केंद्र  रेलवे जंक्शन  बिल्ली  तक जाने वाले संपर्क  मार्ग  की हालत भी पिछले एक दशक से खस्ता रही है। स्टेशन  तक जाने वाले संपर्क  मार्ग  की जर्जर हालत के कारण नागरिकों को 11 किमी दूर चोपन  रेलवे  स्टेशन  जाना पड़ता है। फिलहाल जिला खनन निधि से इस मार्ग का भी निर्माण जारी है।


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