रेणुका पुल के लिए तेज हुआ जनजागरण
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुका नदी पर प्रस्तावित पुल के निर्माण में आ रही बाधा क
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुका नदी पर प्रस्तावित पुल के निर्माण में आ रही बाधा को लेकर ग्रामीणों ने आर-पार के संघर्ष के लिए तैयारियां तेज कर दी है। रेणुका नदी पर पुल निर्माण और ओबरा-सी में स्थानीय मजदूरों को रोजगार के लिए ग्रामीणों ने 23 मार्च को ओबरा परियोजना कालोनी में बड़ा मार्च निकालने के सत्याग्रह शुरू करने की तैयारी है। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाले सर्वदलीय आन्दोलन के लिए जनजागरण अभियान तेज कर दिया गया है। गत एक सप्ताह से चल रहे जनजागरण में रेणुकापार के आधा दर्जन ग्राम पंचायतों के 50 से ज्यादा टोलों सहित चोपन ब्लाक के बड़े क्षेत्र में ग्रामीणों को आन्दोलन में शामिल होने की अपील की जा रही है। उम्मीद है कि शुक्रवार को ¨चतन सत्याग्रह मार्च में भारी संख्या में ग्रामीण पहुचेंगे। मार्च के बाद आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
इंटक के जिलाध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने बताया कि कालापानी कहे जाने वाले रेणुकापार के आदिवासी अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह पुल ही एकमात्र माध्यम बनेगा लेकिन इसके निर्माण में बाधा पहुंचायी जा रही है जिसके लिए ग्रामीण अब आन्दोलन के लिए पुन: मजबूर हो रहे हैं। जनजागरण अभियान में इंटक के समाजसेवी रमेश ¨सह यादव, जिला महामंत्री शमीम अख्तर खान, बृजेश तिवारी, ओबरा पीजी कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष अमरेश यादव, राम विलास दुबे, राम चंद्र गौड़ एवं कार्यकर्ता हरी लाल, राजा राम, गुलाब यादव आदि सहित तमाम ग्रामीण लगे हुए हैं। 26 करोड़ का है पुल
ओबरा के पास चकाड़ी गांव में राखी पुल के पास पुल निर्माण के लिए 10 नवम्बर 2016 को 26 करोड़ 23 लाख 67 हजार रुपए शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है जिसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक करोड़ रुपया अवमुक्त करा दिया गया है। इस पुल का शिलान्यास भी 23 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा हो चुका है। पुल निर्माण के लिए उप्र सेतु निगम द्वारा पूरी तैयारी भी कर ली गई थी।