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बरसे मेघ, धान की फसल को मिली संजीवनी

जिले में गुरुवार को हुई झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से जहां सुकून दिया तो वहीं फसलों को लेकर ¨चतित किसानों को खुशी भी। सूख रही धान की फसल को बारिश से संजीवनी मिल गई। जबकि निचले इलाकों में जलभराव से पानी घरों और दुकानों में जा घुसा। क्षतिग्रस्त सड़कों पर बने गड्ढों में

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 07:36 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 07:36 PM (IST)
बरसे मेघ, धान की फसल को मिली संजीवनी
बरसे मेघ, धान की फसल को मिली संजीवनी

जासं, सोनभद्र : जिले में गुरुवार को हुई झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से जहां सुकून दी वहीं फसलों को लेकर ¨चतित किसानों को खुशी भी। सूख रही धान की फसल को बारिश से संजीवनी मिल गई, जबकि निचले इलाकों में जलभराव से पानी घरों और दुकानों में जा घुसा। क्षतिग्रस्त सड़कों पर बने गड्ढों में पानी भर जाने से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। उधर, देरशाम हुई बरसात ने आमजन को परेशान भी किया। करीब दो सप्ताह के लंबे इंतजार के बाद गुरुवार की दोपहर बाद मौसम ने करवट ली। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की तो कभी मूसलधार बारिश होती रही, लेकिन देरशाम जिला मुख्यालय पर शुरू हुई झमाझम बारिश रात आठ बजे तक चली। ऐसे में गर्मी और उमस से परेशान हो रहे लोगों को खासा सुकून मिला। एकाएक बारिश से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा।

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ओबरा प्रतिनिधि के अनुसार : गुरुवार को अचानक हुई बारिश से गत दो सप्ताह से बढ़ी गर्मी से नागरिकों को राहत मिली। मौसम विभाग ने हालांकि पहले ही बारिश की सम्भावना जताई थी लेकिन दिन में 12 बजे तक बारिश की कोई सम्भावना नहीं नजर आ रही थी। बहरहाल बारिश के बाद जिले का मौसम सुहाना हो उठा। पिछले दो सप्ताह से निकल रही चटख धूप से जहां एक ओर गर्मी बढ़ गई तो वहीं दूसरी ओर किसान भी अपनी फसल को लेकर परेशान थे। नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में मौसम सुहावना हो गया। मौसम के कारण रोकी गई ब्ला¨स्टग

अचानक बारिश से खनन क्षेत्र हलकान रहा। खनन क्षेत्र में गुरुवार को खदानों में विस्फोट के लिए 11 बजे तक होल भर दिए गये थे लेकिन 12 बजे के बाद मौसम में बदलाव चालू हो गया। 12 बजे के बाद अचानक बारिश शुरू हो गई। बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में 12 बजे से 3 बजे के बीच ब्ला¨स्टग कराई जाती है। अचानक बारिश से स्वत: विस्फोट की सम्भावना को देखते हुए खनन से जुड़े लोगों के माथे पर बल आने लगा। बताते चलें की खनन क्षेत्रों में कई बार आकाशीय बिजली की वजह से स्वत: विस्फोट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसमे कई मजदूरों की मौत हो चुकी है। इसीलिए प्रशासन द्वारा पूरे मानसून सत्र के दौरान मौसम पर विशेष नजरें राखी जाती है। हालांकि बारिश के दौरान आकाशीय बिजली नहीं गिरने से किसी प्रकार की घटना सामने नही आई।


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