निष्ठा के प्रशिक्षण में कोरम अदायगी
गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को निष्ठा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए भारी भरकम बजट भी शासन से मिला हुआ है। सभी ब्लाकों के ब्लाक संसाधन केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए संपूर्ण व्यवस्था भी है बावजूद इसके कई जगह सिर्फ कोरम अदायगी ही हो रही है। कहीं प्रोजेक्टर तो है लेकिन जनरेटर नहीं है तो कहीं सबकुछ होने के बावजूद प्रशिक्षक और प्रशिक्षण लेने वाले समय से नहीं पहुंचते। रही बात खाने व नाश्ते के इंतजाम की तो जब कहीं का सवाल उठता है तो वहां सुधार करा लिया जाता है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को निष्ठा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए भारी भरकम बजट भी शासन से मिला हुआ है। सभी ब्लाकों के ब्लाक संसाधन केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए संपूर्ण व्यवस्था भी है बावजूद इसके कई जगह सिर्फ कोरम अदायगी ही हो रही है। कहीं प्रोजेक्टर तो है लेकिन, जेनरेटर नहीं है तो कहीं सबकुछ होने के बावजूद प्रशिक्षक और प्रशिक्षण लेने वाले समय से नहीं पहुंचते। रही बात खाने व नाश्ते के इंतजाम की तो जब कहीं का सवाल उठता है तो वहां सुधार करा लिया जाता है।
दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार को जिले के अलग-अलग ब्लाकों में चल रहे प्रशिक्षण केंद्र का जायजा लिया। इसमें सबसे खराब स्थिति म्योरपुर की मिली। यहां टीम जब साढ़े दस बजे बीआरसी देवरी पर पहुंची तो आठ-दस की संख्या में शिक्षक बाहर ही नजर आए। छह-आठ की संख्या में प्रशिक्षण कक्ष में कुर्सी पर बैठे थे। कोई प्रशिक्षक नहीं था इसलिए प्रशिक्षण नहीं हो रहा था। जबकि यहां सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक प्रशिक्षण देना है। प्रतिदिन 150 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। हालांकि यहां भोजन की स्थिति ठीक रही। नाम न प्रकाशित करने पर कुछ शिक्षकों ने बताया कि पूर्व में यहां थोड़ी अनियमितता थी, जिसकी शिकायत हुई तो अब सबकुछ मिल रहा है। इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी एसपी सहाय से बात की गई तो उन्होंने तहसील दिवस में होने की बात कही। बताया कि आने के बाद स्थिति देखेंगे। राबर्ट्सगंज-घोरावल में सबकुछ ठीक
राबर्ट्सगंज ब्लाक के शिक्षकों प्रशिक्षण रौप स्थित बीआरसी में चल रहा है। यहां सुबह नाश्ते में चाय व पकौड़ी दी गई थी। दोपहर में बाटी, चोखा, दाल, चावल, चटनी, सलाद, पापड़ आदि मिला। यहां सभी छह प्रशिक्षक मौजूद रहे। हां यहां जेनरेटर का अभाव जरूर दिखा। बताया गया कि बिजली कटने पर बीआरसी के इनवर्टर से प्रोजेक्टर चलाया जाता है। इसी तरह घोरावल ब्लाक के बीआरसी पर भी प्रशिक्षण में किसी तरह की कमी नहीं मिली। चतरा ब्लाक में पड़ताल के दौरान पता चला कि तीन बैच का प्रशिक्षण होने के बाद होली की वजह से प्रशिक्षण बंद कर दिया गया है। अब होली बाद होगा।