एसई के निलंबन पर उठने लगे सवाल
ओबरा तापीय परियोजना में आग लगने की घटना में हुई दंडात्मक कार्यवाही के बाद कई तरह की बहस होने लगी है।खासकर निलम्बन में एक पूर्व सुरक्षा प्रस्ताव पर की गयी टिप्पणी को प्रमुख कारण माना गया है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना में लगी आग की घटना में हुई कार्रवाई के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। खासकर अधीक्षण अभियंता के निलंबन में एक पूर्व सुरक्षा प्रस्ताव पर की गई टिप्पणी को प्रमुख कारण माना गया है। स्थानीय जानकारों के अनुसार तमाम दुर्घटनाओं में आमतौर पर क्षणिक परिस्थितियां ज्यादातर जिम्मेदार होती हैं। ऐसे में घटना के दौरान हुई लापरवाही को नजरअंदाज कर फायर प्रोटेक्शन प्रणाली लगाने के एक प्रस्ताव पर की गयी टिप्पणी को लेकर की गई कार्रवाई से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
ओबरा परियोजना के अग्नि नियंत्रण एवं सुरक्षा खंड के अधिशासी अभियंता दो फरवरी 2018 को अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) इं.सुरेश को पत्र लिखे। जिसमें 11 दिसम्बर 2017 को उनके द्वारा भेजे गए पत्र तथा 19 जनवरी 2018 को केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कमांडेंट द्वारा आए पत्र का हवाला दिया गया। जिसमें ब तापघर में फायर प्रोटेक्शन प्रणाली लगाने का अनुरोध किया गया है। पत्र पर अधीक्षण अभियंता ने दो फरवरी को अपनी टिप्पणी दर्ज करते हुए अग्नि नियंत्रण एवं सुरक्षा खंड के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखा। इसमें कहा कि आप लोग महाप्रबंधक प्रशासन या मुख्य महाप्रबंधक से वार्ता कर लें ताकि प्रकरण स्पष्ट हो जाए कि केबिल गैलरी पर फायर फाइ¨टग सिस्टम का कार्य करवाना है या नहीं, अभी तक जो मुझे जानकारी दी गई है उसके अनुसार इतनी पुरानी वृहद परियोजना की केबिल गैलरी में फायर फाइ¨टग सिस्टम लगाना नहीं है। निकट भविष्य में 200 मेगावाट की इकाइयां बंद हो जाएंगी, ऐसी सूचना मिल रही है। इसलिए इतना रुपये लगाना उचित होगा या अनुचित शीर्ष प्रबंधन ही निर्देश दे सकता है। इसी टिप्पणी को आधार बनाकर 17 नवंबर को उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सैंथिल पांडियन सी ने इं.सुरेश को निलंबित कर दिया जबकि उक्त टिप्पणी में फायर फाइ¨टग सिस्टम के प्रस्ताव को नजरअंदाज करने जैसा कुछ भी नहीं दिखता है।
बिना फायर प्रोटेक्शन के चल रही इकाई
ओबरा के ब तापघर में लगभग 35 वर्ष पहले स्थापित 200 मेगावाट की इकाइयों की केबिल गैलरी में इसी वर्ष फायर प्रोटेक्शन प्रणाली के लिए लाए गए जिस प्रस्ताव को ठुकराने के लिए अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) इं.सुरेश को निलंबित किया गया। अब उसी प्रस्ताव को उत्पादन निगम द्वारा गंभीरता नहीं दी जा रही है। केबिल गैलरी में लगी आग के लिए फायर प्रोटेक्शन प्रणाली के न होने को मुख्य कारण माना गया। अब इसी प्रणाली के बिना ही अग्निकांड में बंद हुई 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई को चलाया जा रहा है। साथ ही दसवीं इकाई को भी जल्द चालू करने की संभावना है। ऐसे में निलंबन में फायर प्रोटेक्शन प्रणाली को लेकर दिखाई गई निगम प्रबंधन की गंभीरता व्यावहारिक तौर पर नदारद है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा ब तापघर की इकाइयों को 2022 में बंद करने की योजना है। इसी को देखते हुए ब तापघर की पांचों इकाइयों के भेल द्वारा 1635 करोड़ लागत से किये जा रहे आरएंडएम में 13 वीं इकाई के आरएंडएम पर बीते अप्रैल में रोक लगा दी गयी थी। सूत्रों के अनुसार केबिल गैलरी में फायर प्रोटेक्शन प्रणाली लगाने में लगभग 34 करोड़ का खर्च होता। जिसको देखते हुए इं.सुरेश ने अगले कुछ वर्षों में इकाई के बंद होने की संभावना को देखते हुए उक्त प्रस्ताव को वापस कर दिया था।