पलायन व मजदूरी भुगतान को लेकर दिया धरना
जागरण संवाददाता सोनभद्र पलायन व मनरेगा मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट कार्यकर्ताओं का धरना छठवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान आरोप लगाया कि दुद्धी में रोजगार के अभाव में मजदूर पलायन करने को विवश हैं। मनरेगा में काम ठप पड़ा है और जहां थोड़ा बहुत काम कराया भी गया है वहां मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पलायन व मनरेगा मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट कार्यकर्ताओं का धरना छठवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान आरोप लगाया कि दुद्धी में रोजगार के अभाव में मजदूर पलायन करने को विवश हैं। मनरेगा में काम ठप पड़ा है और जहां थोड़ा बहुत काम कराया भी गया है वहां मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में रोजगार छिन जाने से ग्रामीण अपने घर वापस लौटे, लेकिन यहां भी उन्हें काम नहीं मिल रहा है। मनरेगा की सरकारी वेबसाइट के अनुसार दुद्धी ब्लाक में कुल 39123 जाब कार्डधारी परिवारों में से इस वित्तीय वर्ष में महज 76 परिवारों को सौ दिन रोजगार मिला। कोरोना काल के पिछले वित्तीय वर्ष में 489 परिवारों को ही सौ दिन रोजगार मिला था। इसी प्रकार बभनी ब्लाक के 29418 जाब कार्डधारी परिवारों में से 53 परिवारों को इस वित्तीय वर्ष में और 1034 को कोरोना काल में रोजगार मिल सका था। म्योरपुर ब्लाक के 65677 जाब कार्डधारी परिवार में से इस वित्तीय वर्ष में 105 परिवारों और पिछले वित्तीय वर्ष में 2515 परिवारों को ही सौ दिन रोजगार मिल सका है। औसतन 9 दिन का रोजगार ही परिवारों को उपलब्ध हो सका है। स्पष्ट है कि देश के सर्वाधिक पिछड़े जिले में शामिल सोनभद्र में मनरेगा का बेहद खराब क्रियांवयन हो रहा है। जिन लोगों को काम भी दिया गया है उनकी मजदूरी महीनों से बकाया है। अकेले म्योरपुर ब्लाक में करीब ढाई करोड़ रुपया दो माह से मजदूरी का बकाया है। कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायदा किया था कि सरकार बनने पर स्थानीय लोगों को उद्योगों में पचास प्रतिशत रोजगार मिलेगा। लेकिन यह महज चुनावी वायदा ही रह गया। आज भी प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। इस मौके पर कृपा शंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, सिंहलाल गोंड़, दिनेश गोंड़, रामलखन गोंड़, संजय गोंड़, बृज मोहन गोंड़, बिरझन गोंड़, जगधारी प्रजापति आदि रहे।