दो नए विद्युत घरों के लिए उत्पादन निगम ने बढ़ाया कदम
उत्पादन निगम ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ा कदम बढ़ा दिया है। परियोजनाओं के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : उत्पादन निगम ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा दिया है। परियोजनाओं के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित आठ-आठ सौ मेगावाट की ओबरा डी और अनपरा ई की फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए एनटीपीसी को नियुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा भूमि चिह्नित करने, रेल नेटवर्क, ट्यूब कंवेयर संबंधित निर्णय लेने एवं अन्य तकनीकि पक्षों पर कार्यवाही के लिए दोनों परियोजनाओं के मुख्य महाप्रबंधकों को नोडल अधिकारी बना दिया गया है।
बीते गुरुवार को उत्पादन निगम प्रबंधन की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। बैठक में एनटीपीसी के अधिकारियों सहित ओबरा और अनपरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक शामिल रहे। दोनों विद्युत घरों के निर्माण के बाद उत्पादन निगम की क्षमता में 1600 मेगावाट की वृद्धि होगी। दोनों विद्युत घरों को लेकर पिछले वर्षों से तैयारी चल रही थी। जिसको लेकर उत्पादन निगम के निदेशक बोर्ड ने पहले ही निर्णय ले लिया था। निदेशक मंडल ने ओबरा डी के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार से अनुमति के लिए तत्काल प्रक्रिया शुरू करते हुए अनपरा ई में 800 मेगावाट की इकाई लगाने के लिए एनटीपीसी को एकल निविदा के आधार पर फिजिबिल्टी अध्ययन कराने का अनुमोदन भी प्रदान कर दिया था। अब गुरुवार को हुई बैठक में इसे अंतिम मुहर लगा दी गयी। ओबरा डी और अनपरा ई के लिए चल रही तैयारियों को देखते हुए इसके 2022 में शिलान्यास होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम लि. के निदेशक तकनीकि इं. बीएस तिवारी ने बताया कि प्रदेश की सबसे पुरानी तापीय परियोजना होने के कारण ओबरा की इकाइयां पुरानी हो चुकी है। लिहाजा आगामी 2022 तक 800 मेगावाट क्षमता के ओबरा डी का शिलान्यास करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसकी अनुमति भी राज्य सरकार से ली जा चुकी है। अगर सबकुछ सही रहा तो 2025 तक ओबरा डी से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसी तरह अनपरा ई के लिए भी प्रक्रिया जारी है। ओबरा डी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू
800 मेगावाट क्षमता की ओबरा डी परियोजना के लिए जमीनी स्तर पर भी कार्य शुरू हो गया है। बीते सप्ताह ही उत्पादन निगम और पारेषण निगम की टीम ने अ तापघर का दौरा कर स्विच यार्ड के लिए आ रही बाधा का अध्ययन करने के साथ वैकल्पिक स्थान का मुआयना किया। 220 केवी के स्विच यार्ड के लिए सेक्टर तीन स्थित छठ घाट का सर्वे टीम द्वारा किया गया। संभावना है कि छठ घाट पर ही ओबरा डी के लिए 220 केवी का स्विच यार्ड बनेगा। 220 केवी के स्विच यार्ड के लिए अ तापघर में अपेक्षित स्थान की कमी थी। इसके अलावा 132 केवी पारेषण लाइन के नये स्थान के लिए भी सर्वे हुआ। गौरतलब है कि प्रदेश की सबसे पुरानी तापीय परियोजनाओं में एक ओबरा अ तापघर की कुल आठ इकाइयों को हटाकर ओबरा डी के तहत 800 मेगावाट की नई इकाई लगाई जाएगी। अ तापघर में 50 मेगावाट की पांच एवं 100 मेगावाट की तीन इकाइयां मौजूद है। वर्तमान में सभी इकाइयां बंद हालत में हैं।