थर्माकोल की जगह अब दोना-पत्तल का जलवा
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: सरकार की सख्ती के बाद अब तो गांवों व नगरों में पॉलीथिन के उपयोग
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: सरकार की सख्ती के बाद अब तो गांवों व नगरों में पॉलीथिन के उपयोग में कमी आयी है। इसका असर तेजी से दिखने लगा है। कूड़ों के ढेर में पॉलीथिन की जगह दूसरी चीजों ने ले लिया है। नालियों में नये पॉलीथिन का अंबार खत्म होता दिख रहा है। कूड़ों के ड्रम में पशुओं के लिए जानलेवा पॉलीथिन मिलनी कम हो गई हैं। डस्टबिन में अब दोना-पत्तल के टुकड़े मिल रहे हैं।
प्रदेश सरकार के 15 जुलाई के बाद से पॉलीथिन के बंद होने के आदेश काफी कारगर साबित हो रहे हैं। इसके लिए प्रशासन ने कई विभागों को जिम्मेदारी भी सौंपी है। इसके लिए प्रदूषण विभाग, नगरपालिका, पुलिस व जिला प्रशासन की महती भूमिका है। इसमें प्रशासन ने नियम के लागू होते ही दो कार्रवाइयां भी की। उसमें कुंतल भर पॉलीथिन जब्त किए और कुछ दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया। इससे दहशत में आए लोगों ने पॉलीथिन के उपयोग से बचने भी लगे। इसी कारण अब बाजारों में पॉलीथिन कम दिखने लगा है। हालांकि कुछ लोग अभी भी पॉलीथिन से मुक्त नहीं होना चाह रहे हैं लेकिन प्रशासन की नजर सभी पर है। ऐसे में कोई भी पॉलीथिन का उपयोग करते मिलता है तो उसपर कार्रवाई निश्चित है। इस संबंध में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरि ने बताया कि नगरों में कार्रवाई का दौर जारी है। छापेमारी होती रहेगी। उसे किसी हाल में बंद नहीं किया जायेगा। प्रशासन का सहयोग लेकर नगर को स्वच्छ करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।