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शूटरों की गिरफ्तारी को ताबड़तोड़ छापेमारी

रेणुकूट नगर पंचायत के चेयरमैन शिव प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह हत्या के मामले में पुलिस ने पूर्व चेयरमैन अनिल सिंह उनके दो भाइयों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 05:55 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 05:55 PM (IST)
शूटरों की गिरफ्तारी को ताबड़तोड़ छापेमारी
शूटरों की गिरफ्तारी को ताबड़तोड़ छापेमारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : रेणुकूट नगर पंचायत के चेयरमैन शिव प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पूर्व चेयरमैन अनिल सिंह उनके दो भाइयों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी इस घटना को अंजाम देने वाले शूटर फरार चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जो जाल बिछाया है उसी के अनुसार मिल रही सूचनाओं को आधार मानकर ताबड़तोड़ छापेमारी करनी शुरू कर दी है। शुक्रवार को बिहार, झारखंड सहित जिले से सटे पड़ोसी जनपदों में भी टीम ने छापेमारी की। हालांकि अभी तक शूटर पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।

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सोमवार की रात करीब दस बजे नगर पंचायत के चेयरमैन शिव प्रताप सिंह अपने आवास पर बने कार्यालय में बैठे थे, तभी आए शूटरों ने उनके सीने में गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद शिव प्रताप सिंह के भतीजे की तहरीर पर पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन अनिल सिंह, उनके भाई, राकेश सिंह, बृजेश सिंह, खाड़पाथर निवासी जमुना सिंह व एक कांट्रेक्टर राकेश मौर्या के खिलाफ हत्या, षड्यंत्र करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। उसके बाद पुलिस ने जब जांच किया तो आरोप सही पाया गया। ऐसी स्थिति में पूर्व चेयरमैन सहित चार को गिरफ्तार कर पुलिस ने चालान कर दिया। इनसे पूछताछ के दौरान पता चला कि घटना को अंजाम देने में चार शूटर शामिल रहे। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस षड्यंत्रकारियों की भूमिका की गहनता से जांच कर रही है। जमुना व बृजेश साजिश में मुख्य

सूत्रों की मानें तो पुलिस की जांच में पता चला कि शिव प्रताप सिंह की हत्या में पूर्व चेयरमैन अनिल सिंह के भाई बृजेश सिंह व खाड़पाथर निवासी जमुना सिंह मुख्य रहे। इन दोनों ने ही हत्या के लिए शूटरों को बुलाया, उनसे संपर्क किया, रेकी कराया और इस घटना को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस के मुताबिक इस साजिश के बारे में पूर्व चेयरमैन व उनके भाई को भी जानकारी थी। 17 जनवरी के बाद शुरू हुई साजिश

चेयरमैन शिव प्रताप सिंह की हत्या की साजिश कोई एक या दो दिन में नहीं रची गई, बल्कि जनवरी महीने से ही शुरू हो गई थी। सूत्रों की मानें तो 17 जनवरी को नगर में कंबल वितरण था। उस दौरान गेट बंद करने को लेकर विवाद हुआ और भगदड़ मच गई थी। उसके बाद शिव प्रताप सिंह व अनिल सिंह के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ छींटाकसी शुरू हो गई। 20 जनवरी को दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई और जमुना सिंह को गंभीर चोट लगी। उस घटना के बाद जमुना ने ठान लिया शिव प्रताप को रास्ते से हटाएगा। इलाज के दौरान उसने इस संबंध में जो कहा उसकी वीडियो भी वारयल हुई। उसने बृजेश से इसके लिए बात किया और बृजेश ने गाड़ी, बाइक आदि उपलब्ध कराए, जमुना ने शूटरों से संपर्क किया और सात सितंबर को पहली बार शूटरों को बुलाया गया। यहां रेकी करायी गई।


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