भगदड़ मामले में कारण तलाशने में जुटी पुलिस
नगर पंचायत कार्यालय परिसर में गुरुवार को कंबल वितरण के दौरान हुई भगदड़ मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दिया है। वहीं जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेटी जांच भी हो रही है। पुलिस घटना के कारणों को तलाश रही है। शुक्रवार को पुलिस ने नगर पंचायत कार्यालय में पहुंचकर मौका-मुआयना किया और लोगों से पूछताछ कर मामले की तहकीकात की।
जासं, रेणुकूट (सोनभद्र) : नगर पंचायत कार्यालय परिसर में गुरुवार को कंबल वितरण के दौरान हुई भगदड़ मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दिया है। वहीं जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेटी जांच भी हो रही है। पुलिस घटना के कारणों को तलाश रही है। शुक्रवार को पुलिस ने नगर पंचायत कार्यालय में पहुंचकर मौका-मुआयना किया और लोगों से पूछताछ कर मामले की तहकीकात की।
नगर पंचायत कार्यालय रेणुकूट परिसर में दो हजार लोगों को कंबल वितरण की योजना काफी पहले बनाई गई थी। उसी के अनुसार सभी वार्डों में पात्रों का चयन कराया गया। चयन के बाद सभी को पर्ची दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भीड़ अचानक न बढ़े। वितरण गुरुवार को निर्धारित किया गया। वितरण करीब नौ बजे शुरू कर दिया गया। पांच सौ से कुछ अधिक लोगों को कंबल बांटा जा चुका था तभी अचानक गेट खुल गया। गेट खुलते ही पहले पहुंचने के चक्कर में भगदड़ मच गई। पुलिस वहां नहीं थी ऐसे में परेशानी काफी बढ़ गई। जब तक स्थिति नियंत्रण में की जाती तब तक 14 महिलाएं घायल हो गईं। सभी को पास के ¨हडाल्को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के बाद सभी को छुट्टी दे दी गई। घटना के बाद पुलिस ने आयोजकों पर इसलिए मुकदमा दर्ज कर लिया कि उनकी तरफ से पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई थी। उधर, नपं अध्यक्ष शिव प्रताप ¨सह ने कहा कि इतना बड़ा मामला न हुआ होता। जरूर कहीं न कहीं से साजिश हुई है। मामले की निष्पक्ष जांच होगी तो जरूर मामले का खुलासा होगा।
पुलिस को लेकर भी चर्चाएं तेज
इतने बड़े कार्यक्रम में भगदड़ होने के बाद आयोजकों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आयोजकों ने सूचना नहीं दी थी इसलिए सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की ड्यूटी पर्याप्त नहीं लगी थी। जबकि नगर पंचायत प्रशासन का दावा है कि सूचना दी गई थी। इसको लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोगों की मानें तो इतने दिन से चल रहे चयन और कार्यक्रम की तैयारी के बारे में पुलिस को जानकारी न होना पुलिस की व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा करता है। लोगों की मानें तो जब इतने बड़े आयोजन की जानकारी के लिए पुलिस सूचना आने का इंतजार करती है तो कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। नगर के कुछ लोगों ने कहा कि पुलिस के पास एलआइयू की टीम होती है, अपनी पुलिस टीम होती है। ये टीम तो हमेशा पता करती ही रहती है कि कहां पर क्या आयोजन होना है। किसी आयोजन में भगदड़ जैसी घटना होने के बाद सीधे आयोजकों पर ही आरोप मढ़ देना कहीं से न्याय नहीं है।