अपनी रचनाओं से कवि लोगों में पैदा करते हैं जनजागृति
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में एनटीपीसी के मनोरंजन केन्द़ में शनिवार की रात्रि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, शक्तिनगर (सोनभद्र) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में एनटीपीसी के मनोरंजन केन्द्र में शनिवार की रात्रि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हुआ। शुभारंभ मुख्य अतिथि व मुख्य महाप्रबंधक एनटीपीसी देवाशीष चटोपाध्याय व रीवां निवासी शिवकरण दुबे ने संयुक्त रूप से किया।
मुख्य अतिथि ने कवियों को सम्मानित करते हुए कहा कि कवि देश, काल, परिस्थितियों के अनुरूप अपनी नवीन रचनाओं से लोगों में जनजागृति पैदा कर समाज को नई दिशा देते हैं। शिवकरण दुबे ने अपनी कई ओजपूर्ण रचनायें सुनाकर श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। इलाहाबाद के गजल गायक दीपक दुबे दानिश ने गजल घर से बाहर तो आओ भाई, मुझको भीतर तो बुलाओ भाई.. पढ़कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। हास्य व्यंग के कवि दिनेश बावरा ने हमे मधुमेह नहीं मधुमास चाहिए..कविता पढ़कर लोगों को खूब हंसाया।
अध्यक्षता कर रही दिल्ली की कवयित्री सरिता शर्मा ने नदी दिवानी है, समुन्दर के लिए समुन्दर भी पागल है। मां की आंखों को आंसू देना नहीं, वरना जीवन में खुशियां मिलेगी नहीं.. गीत पढ़कर लोगों को भाउक कर दिया। अमित अनपढ़ ने जिन्हें जाना था विद्यालय वह मदिरालय को जाते हैं..पढ़कर लोगों को सोचने के लिए विवश कर दिया। मनमोहन मिश्र ने कमर कस लो युवाओं अब नया भारत बनाना है.. तथा मेरे बापू सा कोई नहीं देश में पढ़कर.. मंच में नई जान दी। सायरा शबीना अदीब ने जंग से मौत जीते गये हैं सदा, प्यार से जीते गये आदमी से.. श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
कवि सम्मेलन में अपर महा प्रबंधक मानव संसाधन अनिल जाडली, कार्यक्रम का संयोजन आदेश पांडेय ने किया।