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मनरेगा के तहत लगाए जाएंगे पौधे, मिलेगा रोजगार

गांव की आबोहवां को स्वच्छ व शुद्ब रखने तथा कलकारखानो से दूषित हो रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए एक नया योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।जो गांव के लिए मिल के पत्थर के रूप में साबित होगा। जिसे एक गांव एक बाग का नाम दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 08:42 PM (IST)
मनरेगा के तहत लगाए जाएंगे पौधे, मिलेगा रोजगार
मनरेगा के तहत लगाए जाएंगे पौधे, मिलेगा रोजगार

जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र): गांव की आबोहवा को स्वच्छ व शुद्ध रखने तथा कल कारखानों से दूषित हो रहे पर्यावरण को कम करने के लिए एक नई योजना को अमलीजामा पहनाया जाना है। इसके तहत गांव के लोगों को रोजगार भी मिलेगा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। जिसे एक गांव एक बाग का नाम दिया गया है। इसके लिए नर्सरी भी तैयार हो रही है। बारिश में पौधारोपण किया जाएगा। भविष्य में कमाई का साधन भी बनेगा।

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ओबरा वन प्रभाग अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत द्वारा चयनित लाभार्थियों के खेतों पर तथा ग्राम समाज के सामुदायिक भूमि पर बाग स्थापित किया जाएगा। चयनित भूमि पर मनरेगा योजना के तहत 200 फलदार पौधों वाला बाग तैयार किया जाएगा। इस योजना के तहत तीन लाख 92 हजार 100 फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। ओबरा वन प्रभाग के तहत कोटा, बिल्ली मारकुंडी, पड़रछ, कोन, हर्रा, निगाई, नौडिहा, रामगढ, बरवाडीह, बरदिया, सुंदरिया, चोपन, अगोरी, बरगवां, खरहरा, जुगैल, कनहरा, जमुअल, चतरवार, कुरछा, सेमिया, कुड़ारी, नेवारी, गोठानी, भरहरी, घोरिया, टापू, घटीहटा, परसोई, बैरपुर, पनारी आदि चयनित ग्राम पंचायत के में पौधारोपण किया जाना है। सिचाई विभाग, पीडब्लूडी व ओबरा तापीय परियोजना भी अपनी-अपनी भूमि पर पौधारोपण कराएगा। पौधों की सुरक्षा के लिए विधिवत इंतजाम किया जाएगा। इन पौधों का होना है रोपण

गांव के बाग में आम, अमरूद, आंवला, जामुन, बेर, सहेजन आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा। बाग में लगने वाले पौधों में इस बार विशेष वृक्ष के रूप में सहेजन को हरहाल में रोपित करने की योजना है। जिसे सरकारी नर्सरियों में बड़ी संख्या में तैयार किया जा रहा है। ओबरा वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी प्रखर मिश्रा ने बताया कि एक गांव एक बाग की योजना के तहत 55 ग्राम पंचायतों में बाग लगाया जाएगा। प्रत्येक बाग के लिए लगभग एक एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।


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