खटारा वाहनों के संचालन से यात्री चोटिल
वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर खटरा रोडवेज बसों के संचालन होने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।जर्जर वाहनों में निकले नुकीले लोहे की चादरों से आए दिन यात्री घायल हो रहे हैं। यात्रियों व परिचालकों में नोंक-झोंक भी हो रही है। संचालित बसों में खिड़की का शीशा व सीट भी नदारद
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर खटारा रोडवेज बसों के संचालन होने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जर्जर वाहनों में निकले नुकीले लोहे की चादरों से आए दिन यात्री घायल हो रहे हैं। यात्रियों व परिचालकों में नोक-झोंक भी हो रही है। संचालित बसों में खिड़की का शीशा व सीट भी नदारद है।
वाराणसी से अमलोरी (मध्य प्रदेश) के लिए चल रही बस यूपी 65 एटी 6758 में गत दिनों बीना-ककरी के बीच यात्रियों से परिचालक की जमकर नोक-झोंक हुई। बीना में बस पर चढ़ते समय एक यात्री की गेट पर बस की निकली नुकीली चादर चुभ गई। इससे उसे काफी चोटें आई। घायल व्यक्ति व अन्य यात्रियों ने जमकर परिचालक को डांट लगाई। चारों तरफ से घिरे परिचालक ने किसी तरह उनसे विनती कर राहत पाई। संबंधित अधिकारी खटारा बसों के प्रति ध्यान नहीं दे रहे हैं। आलम यह है कि ठंड के मौसम में इस मार्ग पर चलने वाली तमाम रोडवेज बसों में शीशे तक नहीं हैं। शीशे की जगह कागज या तख्ती लगाकर बसों का संचालन कराया जा रहा है। इससे यात्री ठंड व धूल से काफी परेशान हो रहे हैं। कुछ बसों में गेट व बस के अंदर सीट तक नहीं है। चालक के समीप बोनट व बैट्री खुले में रखकर संचालित की जा रही है। बस में चढ़ने से लेकर उतरने तक जहां थोड़ी सी लापरवाही हुई, यात्री घायल हो जा रहे हैं। बसों में चहुंओर गंदगी फैली रहती है। वाराणसी से शक्तिनगर व अमलोरी की यात्रा करने में आठ घंटे से अधिक समय लगते हैं। इस दौरान यात्री जर्जर बसों की हालत से ऊब जा रहे हैं। इस मार्ग पर यात्रियों की भरपूर मौजूदगी रहती है। फिर भी उच्चधिकारियों की उदासीनता से पूरे जोन की अधिकतर खटारा बसों को वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर संचालित किया जा रहा है। क्षेत्रीय नागरिकों ने संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए अनुरक्षण कराकर ही बसों को संचालित कराये जाने की मांग की है। इससे यात्रा के दौरान यात्री जर्जर बसों में घायल होने से बच सकें।