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किसानों का आरोप, बिना टोकन की हो रही खरीदारी

जागरण संवाददाता रामगढ़ (सोनभद्र) चतरा ब्लाक में धान की खरीदारी में सुस्ती का आरोप लगाते हुए किसानों ने कांटा बढ़ाकर धान की खरीद करने की मांग की है। उनका आरोप है कि बिना टोकन वाले किसानों के भी धान की खरीद कर ली जा रही है। मौसम की बेरूखी के बीच धान खरीदारी की कच्छप गति से किसान के माथे पर चिता की लकीर खींच गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:44 PM (IST)
किसानों का आरोप, बिना टोकन की हो रही खरीदारी
किसानों का आरोप, बिना टोकन की हो रही खरीदारी

जागरण संवाददाता, रामगढ़ (सोनभद्र) : चतरा ब्लाक में धान की खरीदारी में सुस्ती का आरोप लगाते हुए किसानों ने कांटा बढ़ाकर धान की खरीद करने की मांग की है। उनका आरोप है कि बिना टोकन वाले किसानों के भी धान की खरीद कर ली जा रही है। मौसम की बेरुखी के बीच धान खरीदारी की कच्छप गति से किसान के माथे पर चिता की लकीरें खींच गई हैं।

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मौसम के बदलते मिजाज के बीच किसानों का धान ट्रैक्टर ट्राली पर समितियों और हाट शाखा के सामने खड़ा है। कभी बूंदाबादी तो कभी कोहरा से धान में नमी के चलते किसान परेशान हैं। वे अपनी बारी की प्रतीक्षा करने में मौसम के थपेड़ों को झेल रहे हैं। किसानों राजेंद्र प्रसाद, दयाशंकर सिंह, श्रीकांत त्रिपाठी, अबरार अली, शांति प्रकाश पांडेय व सुशील मिश्रा ने रविवार को बताया कि उनका धान चतरा ब्लाक में स्थित साधन सहकारी समितियों व हाट शाखा पर पहुंच गया है लेकिन अभी कर खरीद नहीं हो सकी है। उनका आरोप है कि हाट शाखा पर ट्रैक्टर ट्राली पर लगभग 25 क्विंटल तक धान लादकर लाने का फरमान है जबकि अन्य कई किसानों का लगभग 80 क्विटल से अधिक धान खरीदा जा रहा है। इस संबंध में हाट शाखा निरीक्षक चतरा विनय कुमार द्विवेदी ने बताया कि टोकन नंबर के अनुसार धान की खरीदारी चार कांटों को लगाकर की जा रही है। बूंदाबादी से धान को नुकसान होना तय है लेकिन, वे कुछ कर नहीं सकते। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में 45 सौ टन धान की खरीदारी हो चुकी है। कुछ किसान दबाव डालकर धान की बिक्री के लिए खड़े हो जाते हैं, जिससे पहले नंबर लगाकर खड़े किसानों के टोकन नंबर द्वारा खरीदारी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बेचे गए धान का हो भुगतान

मधुपुर : धान क्रय केंद्रों पर किसानों ने अपना धान बेचा लेकिन, 15 दिन बीत जाने के बावजूद किसानों के खाते में धन नहीं आया। इसकी वजह से किसान अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है। लगन शुरू होने से तमाम किसानों को अपने पुत्रों व पुत्रियों की शादी भी करनी है। किसानों ने सरकार की व्यवस्था का जिक्र करते हुए बताया कि प्रावधान है कि किसानों के धान बेचने के 24 घंटे बाद उनके खाते में रकम पहुंच जाएगी। संबंधित अधिकारियों ने कहा था कि पांच जनवरी तक उनके खाते में रुपये पहुंच जाएगा लेकिन, अभी तक नहीं पहुंचा। किसान सुनील सिंह, उमाशंकर सिंह व सीताराम पटेल आदि ने बेचे गए धान का मूल्य दिए जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।


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