न्यूनतम मजदूरी व बोनस में गड़बड़ी से आक्रोश
भारतीय संविदा श्रमिक संगठन की बैठक रविवार को स्थानीय कार्यालय पर सम्पन्न हुयी। बैठक में मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी और बोनस में की जा रही गडबडी पर भारी चिता व्यक्त करते हुए वृहद आन्दोलन करने की चेतावनी दी गयी।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : भारतीय संविदा श्रमिक संगठन की रविवार को स्थानीय कार्यालय में मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी और बोनस में गड़बड़ी पर चिता व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी गई।
संगठन के महामंत्री नागेन्द्र प्रताप चौहान कहा कि ओबरा-सी परियोजना में दूसान के अधिकारियों की मिलीभगत से कई उप संविदा कम्पनियों ने श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी और बोनस के करोड़ों रुपये डकार लिया है। बताया कि फेब्रिकेशन का कार्य करने वाली कंपनी में 350-400 श्रमिक कार्यरत है। न्यूनतम बोनस भुगतान के आधार पर उक्त कम्पनी द्वारा 50 लाख से ज्यादा बोनस भुगतान का और एम डब्लू एरियर का लगभग एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को नहीं दिया गया है। ऐसे ही टरबाइन निर्माण से जुड़ी कम्पनी द्वारा अपने श्रमिकों का घोर शोषण करते हुए 12000 से 14000 रुपये मासिक वेतन पर 12 घंटे प्रतिदिन कार्य कराया जो कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का घोर उल्लंघन है। ओबरा-सी परियोजना में कार्यरत किसी भी कम्पनी द्वारा समय से बोनस का भुगतान नहीं किया। बताया कि संगठन द्वारा अपर श्रमायुक्त को शिकायत पर बीते 10 दिसम्बर को नगर पंचायत ओबरा को छोड़कर सभी उक्त कम्पनियां अपने साक्ष्य के साथ श्रम न्यायालय में उपस्थित हुईं। सम्बन्धित मामले में उनके द्वारा दिये गये प्रपत्र भ्रामक थे। अपर श्रमायुक्त द्वारा साक्ष्यों की पुष्टि के लिए उसकी एक प्रति श्रमिक प्रतिनिधि को भी देने के लिए निर्देशित किया गया। लेकिन अब तक उनके द्वारा उक्त प्रपत्र संगठन को नहीं दिया जा रहा है जो कि सन्देहात्मक है। इस दौरान रवि चंद्रवंशी, राजू यादव, सुनील जायसवाल, जय शुक्ला, राजू शर्मा, तारकेश्वर कुमार, संजय कनौजिया, विवेक कुमार एवं राम प्रसाद सहित तमाम मजदूर मौजूद रहे ।