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घोरावल बाजार में नहीं हो सका अपेक्षित विकास

जिले की सबसे पुरानी नगर पंचायत में अभी तक अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। इससे लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। गर्मी के दिनों में सबसे अधिक लोगों को हर साल पेयजल समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर लगाये गये अस्थाई यूरिनल की साफ-सफाई न होने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है। नगर में स्थित उप मंडी समिति में उपज बेचने आये किसानों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 05:04 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 05:04 PM (IST)
घोरावल बाजार में नहीं हो सका अपेक्षित विकास
घोरावल बाजार में नहीं हो सका अपेक्षित विकास

कामन इंट्रो..

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जिले की सबसे पुरानी नगर पंचायत में अभी तक अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। इससे लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। गर्मी के दिनों में सबसे अधिक लोगों को हर साल पेयजल समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर लगाये गये अस्थाई यूरिनल की साफ-सफाई न होने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है। नगर में स्थित उप मंडी समिति में उपज बेचने आये किसानों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है। इससे उनको अपने फसलों को बेचने में परेशानी होती है। शाम के बाद राब‌र्ट्सगंज व मीरजापुर जाने के लिए रोडवेज बस का साधन उपलब्ध नहीं है। जिससे आम जनता समेत व्यापारियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। अगर बसों का संचालन डिपो के माध्यम से करा दिया जाय तो मीरजापुर से सोनभद्र मुख्यालय तक चलने वाली बसों को वाया घोरावल डिपो की सुविधा होनी चाहिए जिससे व्यवसाय में प्रगति होगी।

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जागरण संवाददाता, घोरावल(सोनभद्र) : स्थानीय बाजार में घोरावल क्षेत्र के साथ ही मध्य प्रदेश के लोग भी खरीदारी करने के लिए आते हैं। लेकिन संसाधनों के अभाव में उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार घोरावल नगर में स्थित उप मंडी समिति में उपज को बेचने के लिए मध्य प्रदेश से भी किसान आते हैं। किसानों को ठहरने व रूकने की सुविधाएं भी ठीक ढंग से न होने से उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है। अगर उन्हें सुविधाएं अच्छी मिले तो भटकने के बजाय किसान सीधे माल बेचने के लिए मंडी में आएंगे। जिससे बाजार की दशा अच्छी बनी रहेगी।

करीब दस हजार की आबादी वाले नगर पंचायत में सुविधाओं का काफी अभाव है। गर्मी के दिन में स्थिति काफी विकराल हो जाती है। टैंकर के माध्यम से लोगों को पीने के लिए पानी पहुंचाया जाता है। यूपी व एमपी के बार्डर पर सोन नदी में शिल्पी में बन रहा पुल अधूरा रह जाने से बाजार का विकास रुक सा गया है। घोरावल तहसील से सटे सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा उनकी उपज बड़े दुर्लभ तरीके से घोरावल तक लाया जाता है। बरसात में बाढ़ आ जाने के कारण आवागमन रुक जाता है।

बोले रहवासी..

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घोरावल नगर में स्थित उप मंडी समिति में उपज को बेचने के लिए आए किसानों को ठहरने रुकने की सुविधाएं भी नहीं है। सुविधाएं अच्छी मिलेंगी तो इधर-उधर भटकने के बजाय किसान सीधे माल बेचने के लिए मंडी में आएंगे। जिससे बाजार की दशा अच्छी बनी रहेगी।

-राजीव कुमार।

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घोरावल नगर में सब्जी मंडी नहीं है। कस्बे के बाहर पूर्वी भाग में राब‌र्ट्सगंज मार्ग पर सब्जी मंडी खुटहा गांव में स्थित है। काफी किसानों का जमावड़ा लग जाने के कारण किसानों की सब्जियां कम रेट पर भी चली जाती हैं। भीड़-भाड़ को देखकर किसान का माल बाहरी व्यापारियों द्वारा बीच-बीच से उठा लिया जाता है।

-बबलू।

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राब‌र्ट्सगंज व मिर्जापुर जाने के लिए रोडवेज बस का साधन उपलब्ध नहीं है। जिससे आम जनता समेत व्यापारियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। बसों का संचालन डिपो के माध्यम से करना चाहिए और मीरजापुर से सोनभद्र मुख्यालय तक चलने वाली बसों को वाया घोरावल डिपो की सुविधा होनी चाहिए।

-प्रमोद अग्रहरि।

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घोरावल नगर में रोडवेज डिपो बन तो गया है लेकिन, उसका संचालन अभी तक शुरू न होने से उसमें बस का आवागमन नहीं होता है। डिपो का संचालन शुरू होने से स्थानीय नागरिकों समेत व्यापारियों को सुविधा मिलेगी साथ ही स्थानीय तौर पर व्यापार को फायदा पहुंचेगा।

- संजू उमर।

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नगर में स्थित अस्थाई यूरिनल साफ-सफाई व रख-रखाव के अभाव में बेकार पड़ा है। इससे सबसे अधिक परेशानी बाजार आने वाली महिलाओं को उठानी पड़ती है। प्लास्टिक के बने टायलेट को चिन्हित कर व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बाहर के आने वाले लोगों को इस समस्या से जूझना न पड़े।

-वीरेंद्र कुमार सिंह

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नगर में पार्किंग का स्थान चिन्हित न होने के कारण बाहर से आए हुए खरीदारी करने वाले लोगों को वाहन खड़ा करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पार्किंग का चिन्हिकरण जरूरी है।

-नितिन कुमार।

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यूपी व एमपी के बार्डर पर सोन नदी में शिल्पी मे बन रहा पुल अधूरा रहने से घोरावल बाजार का विकास रूक गया है। घोरावल तहसील से सटे सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा उनकी उपज बड़े दुर्लभ तरीके से घोरावल तक लाया जाता है। बरसात में बाढ़ आ जाने के कारण आवागमन रुक जाता है।

-प्रकाश चंद्र अग्रहरि।

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बाजार के लिए रेलवे की सुविधा होनी ही चाहिए। आजादी के इतने वर्षों बाद भी यह सेवा यहां पर अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी। परिवहन की सुविधाओं में सबसे सुगमता का सुविधा रेलवे माना जाता है जो सस्ता भी पड़ता है। सिगरौली से लूसा वाया घोरावल प्रस्तावित रेलवे लाइन जल्दी पूरा हो जाए तो इस नगर तथा क्षेत्र के विकास में काफी हद तक सहायक सिद्ध होगा।

-सुरेंद्र मौर्य।

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क्षेत्र में प्रसिद्ध शिवद्वार मन्दिर भी है। जहां से कुछ ही दूरी पर स्थित ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मुक्खा फाल का ठीक ढंग से विकास हो जाए तो वहां पिकनिक मनाने जाने वाले पर्यटकों का मुख्य बाजार घोरावल ही पड़ेगा। इससे बाजार के रौनक में इजाफा हो जायेगा।

-मदन गोपाल।

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बोले अधिकारी

नगर के सभी मुख्य मार्गों को सीसी रोड कर दिया गया है। ताकि बाहर से आवागमन करने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उप मंडी समिति परिसर में नगर पंचायत की ओर से शौचालय की व्यवस्था करा दी गई है। सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश बन रहा पुल का निर्माण पूरा हो जाए तो घोरावल का व्यापार तेज गति से संवर जाएगा।

राजेश कुमार, अध्यक्ष- नगर पंचायत घोरावल


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