ओबरा परियोजना पुन: ग्रिड से जुड़ी
एक महीने बाद ओबरा तापीय परियोजना पुन: ग्रिड से जुड़ गयी है। बीते 14 अक्टूबर से ओबरा परियोजना से बिजली का उत्पादन बंद होने के कारण ग्रिड पर ओबरा की सहभागिता शून्य हो गयी थी।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : एक महीने बाद ओबरा तापीय परियोजना पुन: ग्रिड से जुड़ गई है। बीते 14 अक्टूबर से ओबरा परियोजना से बिजली का उत्पादन बंद होने के कारण ग्रिड पर ओबरा की सहभागिता शून्य हो गई थी। अब शुक्रवार देर रत को 9 वीं इकाई को पुन: लाइट अप कर आइसीटी के माध्यम से ¨सक्रोनाइज कर ग्रिड से जोड़ दिया गया है। विगत 14 अक्टूबर रविवार की भोर अज्ञात कारणों से ओबरा परियोजना की केबल गैलरी में लगी भयावह आग के कारण 9 वीं, 10 वीं, 11 वीं व 12 वीं इकाई बंद हो गई थी। इसके चलते तापीय परियोजना का पूरा उत्पादन शून्य हो गया था और इकाइयों के बंद होने से प्रदेश के कई जनपदों में बिजली संकट उत्पन्न हो गया था।
मिली राहत
तापीय परियोजना के विगत लगभग एक माह से बंद पड़ी 200 मेगा वाट की 9 वीं को परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक एके ¨सह के नेतृत्व में अधिकारियों व कर्मचारियों के अथक प्रयास से महज एक माह में ही शुक्रवार को देर रात 11 बज कर 18 मिनट पर ¨सक्रोनाइज कर उत्पादन पर ले लिया गया। इकाई के ¨सक्रोनाइज होते ही परियोजना के समस्त कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। समाचार लिखे जाने तक उक्त इकाई से 155 मेगावाट के करीब उत्पादन हो रहा था। इससे पहले मुख्य महाप्रबंधक सहित महाप्रबंधक ब डीके मिश्र, अधीक्षण अभियंता राजकुमार गुप्ता, दूधनाथ यादव आदि द्वारा अथक प्रयास कर महज 29 दिनों में विगत मंगलवार को नौवीं इकाई को टेस्ट लाइट अप करा दिया गया था। फिर इस बीच बाकी इलेक्ट्रिकल टे¨स्टग व अन्य कार्य पूर्ण करने के बाद शुक्रवार को 9 वीं इकाई को पुन: लाइट अप कर आईसीटी के माध्यम से ¨सक्रोनाइज कर ग्रिड से जोड़ दिया गया। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष जीके मिश्र व ओबरा के क्षेत्रीय सचिव अदालत वर्मा ने अपील की है कि वे इसी तरह युद्ध स्तर पर बाकी इकाईयों के पुन: स्थापना का कार्य कराकर जल्द से जल्द इकाईयों को विद्युत उत्पादन पर लाने का प्रयास करें जिससे कि प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके।