नरसंहार के मामले में अब जांच टीम की रिपोर्ट पर नजर
घोरावल के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार मामले में अब सबकी नजर जांच टीम की रिपोर्ट पर टीकी हुई है। 19 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम द्वारा कराने का आदेश जारी किया था। उसी समय उन्होंने टीम का गठन करते हुए दस दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था। शुक्रवार को टीम के गठन हुए आठ दिन का समय गुजर गया। यानि अब महज दो दिन और बचे हैं। दो दिन के बाद जैसे ही टीम शासन को रिपोर्ट देगी उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : घोरावल के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार के मामले में अब सबकी नजर जांच टीम की रिपोर्ट पर टिकी है। 19 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम द्वारा कराने का आदेश जारी किया था। उसी समय उन्होंने टीम का गठन करते हुए दस दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा था। शुक्रवार को टीम का गठन हुए आठ दिन का समय गुजर गया। यानी अब महज दो दिन और बचे हैं। दो दिन के बाद जैसे ही टीम शासन को रिपोर्ट देगी उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
उभ्भा गांव में भूमि कब्जा करने को लेकर प्रधान पक्ष ने ग्रामीणों ने हमला करा दिया था। उस नरसंहार में दस लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हुए थे। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत तौर पर मामले की पड़ताल करने के लिए कहा। साथ ही एडीजी जोन वाराणसी व मंडलायुक्त विध्याचल को जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ, एसएचओ सहित पांच लोग निलंबित किए गए। इसके बाद जिले में पीड़ितों का हाल जानने के लिए आए सीएम ने मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित करने का आदेश दिया। यह आदेश 19 जुलाई को लखनऊ को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की तरफ से जारी हुआ।
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रेणुका कुमार के नेतृत्व में बनीं टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने तीन सदस्सीय टीम गठित किया। टीम में अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार को बनाया गया। इसके अलावा प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन विभाग सुरेश चंद्रा, आयुक्त विध्याचल मंडल आनंद कुमार सिंह को सदस्य के रूप में नामित किया गया।
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टीम ने की एक दिन जांच
अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में टीम बुधवार को जिले में आई थी। टीम ने कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग के अधिकारियों, पीड़ित पक्ष के अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर जरूरी जानकारी ली। इसके बाद गांव में पहुंची। वहां पीड़ित ग्रामीणों से मिली और घटनास्थल का दौरा करने के बाद नक्शे से मिलान कराया। इसके बाद कुछ पत्रावलियों को देखने के बाद टीम वापस लौट गई।
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एडीजी कर रहे हैं पुलिस की जांच
पीड़ित ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों में कहीं एकपक्षीय कार्रवाई तो नहीं हुई, कहीं उनका उत्पीड़न तो नहीं हुआ इसकी जांच एडीजी जोन वाराणसी कर रहे हैं। उनके यहां कई सीओ, इंस्पेक्टर, उपनिरीक्षक व अन्य से पूछताछ की जा चुकी है। सबका बयान भी दर्ज कराया गया है।
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