अब रंपाकुरर में हाथियों का उत्पात, ढहाया घर
छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे स्थानीय थाना क्षेत्र के शीशटोला गांव में उत्पात मचाने के बाद शनिवार की रात हाथियों का झुंड रंपाकुरर गांव पहुंच गया। हाथियों का झुंड पहुंचने के बाद फसलो को रौदते हुए यहां एक व्यक्ति का घर गिरा दिया। गांव में हड़कंप की स्थिति है। वन विभाग पूरी रात हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में जुटा रहा।
जागरण संवाददाता, बभनी (सोनभद्र): छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे स्थानीय थाना क्षेत्र के शीशटोला गांव में उत्पात मचाने के बाद शनिवार की रात हाथियों का झुंड रंपाकुरर गांव पहुंच गया। हाथियों का झुंड पहुंचने के बाद फसलों को रौंदते हुए यहां एक व्यक्ति का घर गिरा दिया। वन विभाग पूरी रात हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में जुटा रहा।
शनिवार की रात में हाथियों का झुंड अम्मा झरिया के जंगल से निकलकर रंपाकुरर गांव में पहुंच गया। वहां मन्नु पुत्र केशव के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया। आदिवासियों के बीच करमा नृत्य का आयोजन चल रहा था। अचानक हाथियों का झुंड देख लोगों में भगदड़ मच गई। जान बचाकर किसी तरह सभी लोग घर भागे। इसके पहले शुक्रवार की रात हाथियों ने शीशटोला गांव में घरों को गिराया था। ग्रामीणों की मानें तो करीब एक पखवारे से आए हाथियों के झुंड ने रंपाकुरर के लक्ष्मन, वंशु, राय सिंह, बलि सिंह, चेत सिंह की धान, जौ, चना, अरहर की फसलों को भी चौपट कर दिया। हाथियों के पहुंचने की खबर मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी अवध नारायण मिश्रा अपने दल बल के साथ रंपाकुरर गांव में पहुंच गए। वन विभाग की टीम ग्रामीणों के सहयोग से किसी प्रकार हाथियों को जंगल की ओर भगाने में सफल हो सके। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों को इस पूरे इलाके से खदेड़ने के लिए यूपी और छत्तीसगढ़ वन महकमे को साथ आना चाहिए। साथ ही प्रशासन नुकसान का आकलन कराकर मुआवजा दिलाए।