सगे भाइयों के लिए प्रकृति प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
जागरण संवाददाता, चोपन (सोनभद्र): जब समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत हो और कदम न डगमग
जागरण संवाददाता, चोपन (सोनभद्र): जब समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत हो और कदम न डगमगाए तो मंजिल तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है। इस बात को सच साबित करते हुए मुकाम तक पहुंचे हैं चोपन ब्लाक ¨सदुरिया गांव निवासी दो सगे भाई हनुमान पांडेय व प्रेमनाथ पांडेय। दोनों भाई क्षेत्र में आधा दर्जन बंधी, तालाब बनवाकर जल संरक्षण की मिसाल बने हैं। इससे इस बार इस क्षेत्र का भूगर्भ जलस्तर सुधरने की भी पूरी उम्मीद है। दोनों भाइयों ने 15 अगस्त के मौके पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण करने का संकल्प लिया है। सगे भाइयों की इस पहल की क्षेत्र के लोग सराहना भी कर रहे हैं। उबड़-खाबड़ इलाके में जल संरक्षण
चोपन बाजार से चंद कदमों की दूरी पर ¨सदुरिया के इलाके में पहाड़ों के बीच के भाग में करीब 50 बीघा जमीन काफी उबड़-खाबड़ थी। इस इलाके में ¨सचाई का कोई साधन नहीं था। हर साल लोग बो¨रग कराते जा रहे थे, लिहाजा जलस्तर भी दिन-प्रतिदिन खिसकता ही जा रहा था। इस बारे में सगे भाइयों ने गंभीर से सोचा और जेठ की दोपहरी में शुरू करा दिया समतलीकरण का कार्य। फिर क्या प्रकृति प्रेम ऐसा जागा कि अपने ही खेत में एक दो नहीं पूरे आधा दर्जन बंधी, तालाब का निर्माण करा डाला। अब तो इस बरसात में इन तालाबों में पानी भी भर रहा है। खिसकते जलस्तर को संभालने में मिलेगी मदद
पहाड़ी और उबड़-खाबड़ क्षेत्र में जहां भू-गर्भ जलस्तर तेजी से खिसक रहा था। वहां पचास बीघे के क्षेत्र में आधा दर्जन बंधी, तालाब बनने से इस क्षेत्र के गिरते जलस्तर को संभालने में काफी मदद मिलेगी। हनुमान पांडेय व प्रेमनाथ पांडेय कहते हैं तालाब, कुएं, बंधी का निर्माण कराना पुण्य का काम होता है। इससे एक तो जल संरक्षण होता है, दूसरे ¨सचाई की भी सुविधा मुहैया हो जाती है। इस दिशा में हम लोगों का यह एक प्रयास है। आगे पौधरोपण भी किया जाएगा।