योजना का नहीं मिल रहा लाभ
जिले के आठो ब्लाकों में चल रहा है काम सौभाग्य योजना के तहत शासन ने जिले में करीब 200 करोड़ों रुपये आवंटित किया है। जनपद के आठो ब्लाकों में इसके तहत काम होना है। इसके तहत जहां पर आजतक बिजली नहीं पहुंची है वहां पर बिजली के खंभे व तार पहुंचाये जा रहे हैं। इन सब के बीच नियमित जांच न होने के कारण निर्माण कार्य की गुणवत्ता स्तरीय नहीं है जिसपर अब आमजन सवाल उठाने लगे हैं। कोन क्षेत्र में योजना के तहत चल रहे काम का आलम यह है कि वहां पर घरों में मीटर व कनेक्शन तो कर दिया गया है लेकिन बिजली के खंभे नहीं गाड़े ए हैं। जिसके कारण स्थिति बदतर होती जा रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आदिवासी बहुल जनपद सोनभद्र में चल रही सौभाग्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां इस योजना का क्रियान्वयन महज कागजों में ही किया जा रहा है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कहीं खंभा खड़ा करने के बाद बिजली के तार नहीं जोड़े गए हैं तो कहीं कनेक्शन के अभाव में मामला ठंडे बस्ते में है जबकि विभागीय लोग काम गुणवत्तापूर्ण होने का दावा कर रहे हैं। हाल यह है कि कुछ दिनों पूर्व ही जिले के दौरे पर आए तत्कालीन उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक अमित गुप्ता ने जिले में चल रही सौभाग्य योजना का स्थलीय निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान यह बात खुलकर सामने आई कि खंभे गाड़ने का काम कर रही कंपनी द्वारा इसमें व्यापक तौर पर गड़बड़ी की जा रही है।
इस योजना के तहत बिजली के खंभों के नींव में पांच फीट तक कंक्रीट से जाम करना है जबकि इस कार्य को अंजाम दे रही प्राइवेट संस्था द्वारा कहीं पर एक फीट तो कहीं पर महज मिट्टी में ही खंभों को जाम कर दिया जा रहा है, जिसके कारण यह कभी भी गिर सकते हैं। जांच के दौरान यह मामला उजागर होने पर तत्कालीन प्रबंधन निदेशक ने बिजली विभाग के अधिकारियों को कड़ी नाराजगी जताई थी। हाल यह है कि कई स्थानों पर तो खंभे जमीन पर छोड़ दिए गए हैं जबकि मीटर व बोर्ड घरों में लगा दिए गए हैं। जिले के आठों ब्लाकों में चल रहा काम
सौभाग्य योजना के तहत शासन ने जिले में करीब 200 करोड़ रुपये आवंटित किया है। जनपद के आठों ब्लाकों में इसके तहत काम हो रहा है। अभी तक जहां पर आजतक बिजली नहीं पहुंची है वहां पर बिजली के खंभे व तार पहुंचाए जा रहे हैं। इन सबके बीच नियमित जांच न होने के कारण निर्माण कार्य की गुणवत्ता स्तरीय नहीं है। जिस पर अब आमजन सवाल उठाने लगे हैं। कोन क्षेत्र में योजना के तहत चल रहे काम का हाल यह है कि वहां पर घरों में मीटर व कनेक्शन तो कर दिया गया है लेकिन बिजली के खंभे नहीं गाड़े गये हैं। इस कारण स्थिति बदतर होती जा रही है। बिजली के खंभे गाड़ने में हो रहा खेल
सौभाग्य योजना के तहत जिले में सबसे अधिक खेल बिजली के खंभे गाड़ने में किया जा रहा है। इसकी पुष्टि भी कुछ दिन पूर्व अमित गुप्ता के जांच में सामने आया था। बावजूद इसके योजना का काम देख रही कंपनी द्वारा लगातार मानकों की अनदेखी किया जा रहा है। नियम के मुताबिक हर खंभों के नींव में कम से कम पांच फीट तक कंक्रीट से जाम करना है, लेकिन जमीन पर ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है।
शिकायत पर होती है जांच
सौभाग्य योजना के तहत जो भी काम हो रहा है, वह मानक के अनुसार हो रहा है। हां, एक-दो स्थानों पर गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है, जहां पर इसकी जांच की जा रही है। हर बिजली के खंभों को नियम के अनुसार जाम किया जा रहा है।
-अमित ¨सह, सीनियर इंजीनियर, एनसीसीएल।